सरल आवर्त गति करती किसी वस्तु का आवर्तकाल $T = {P^a}{D^b}{S^c}$ से प्रकट किया जाता है। यहाँ $P = $दाब, $D = $घनत्व और $S = $पृष्ठ तनाव है, तो $a,\,b,\,c$ के मान होंगे
$ - \frac{3}{2},\,\frac{1}{2},\,1$
$ - 1,\, - 2,\,3$
$\frac{1}{2},\, - \frac{3}{2},\, - \frac{1}{2}$
$1,\,2,\,\frac{1}{3}$
कभी-कभी मात्रकों की एक पद्धति का निर्माण करना सुविधाजनक होता है ताकि सभी राशियों को केवल एक भौतिक राशि के पदों में व्यक्त किया जा सके। इस प्रकार की पद्धति में, विभिन्न राशियों की विमाओं को राशि $X$ के पदों में निम्नानुसार दिया गया है: $[$ स्थिति $]=\left[ X ^{ \alpha }\right]$; [चाल $]=\left[ X ^\beta\right]$; [त्वरण $]=\left[ X ^{ p }\right]$; [रेखीय संवेग $]=\left[ X ^{ q }\right] ;[$ बल $]=\left[ X ^{ R }\right]$ । तब
$(A)$ $\alpha+ p =2 \beta$
$(B)$ $p + q - r =\beta$
$(C)$ $p - q + r =\alpha$
$(D)$ $p+q+r=\beta$
राशियाँ $A$ और $B$ सूत्र $m = A/B$ से सम्बन्धित हैं। यहाँ पर $m = $ रैखिक घनत्व तथा $A$ बल को प्रदर्शित कर रहा है। $B$ की विमायें होंगी
यदि एक साईकिल चालक वृत्ताकार पथ पर गति करते समय ऊध्र्वाधर से $\theta $ कोण से झुक जाता है, तब $\theta $ का मान सूत्र $\tan \theta = \frac{{rg}}{{{v^2}}}$ (जहाँ संकेतों के सामान्य अर्थ हैं) द्वारा प्राप्त किया जाता है। यह सूत्र
पानी में उत्पन्न तरंग की चाल $v=\lambda^a g^b \rho^c$ द्वारा दी गई है, जहाँ $\lambda, g$ एवं $\rho$ क्रमशः तरंग का तरंगदैर्ध्य, गुरुत्वीय त्वरण एवं पानी का घनत्व हैं। $a, b$ एवं $c$ का मान क्रमश: है: