$1$ मी लम्बे तथा $2$ सेमी आयाम वाले सरल लोलक का आवर्तकाल $5$ सैकण्ड है। यदि इसका आयाम $4$ सेमी कर दिया जाये तब आवर्तकाल होगा (सैकण्ड में)
$42.5$
$5$
$10$
$5\sqrt 2 $
एक सरल लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि लोलक की लम्बाई $21\% $ बढ़ा दी जाये तो इसका आवर्तकाल कितने .... $\%$ प्रतिशत बढ़ जायेगा
यदि सरल लोलक का धातु का बना गोलक, लकड़ी के गोलक से बदल दिया जाए तब इसका आवर्तकाल
किसी ग्रह पर एक पिण्ड को $8 \,m$ ऊँचाई से स्वतंत्रतापूर्वक गिराया जाता है तो यह $2\, sec$ में ग्रह तल पर आ जाता है। इस ग्रह पर,$1\,m $ लम्बाई वाले सरल लोलक का आवर्तकाल .... $\sec$ होगा
सरल लोलक में दोलनकाल $(T)$ पेण्डुलम की लम्बाई $(l)$ से निम्न प्रकार सम्बन्घित होता है
किसी लोलक का गोलक एक क्षैतिज अवस्था से छोड़ा जाता है। लोलक की लम्बाई $10$ मी. है। सबसे निचले बिन्दु पर पहुँचने पर गोलक की चाल क्या होगी जबकि इसकी प्रारम्भिक ऊर्जा का $10 \%$ वायु प्रतिरोध के विरुद्ध व्यय होता है :
[दिया है, $\mathrm{g}: 10 \mathrm{~ms}^{-2}$ ]