प्रकाश विद्युत प्रभाव को निम्न के आधार पर समझा जा सकता है

  • A

    अध्यारोपण के सिद्धांत से

  • B

    प्रकाश के विद्युत चुम्बकीय तरंग सिद्धांत से

  • C

    सापेक्षता के विशिष्ट सिद्धांत से

  • D

    परमाणु के रैखिल वर्णक्रम से

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एक $2 \,mW$ लेजर की तरंगदैर्ध्य $500\, nm$ है। इससे निकलने वाले प्रति सेकण्ड फोटॉनों की संख्या होगी।

[दिया है, प्लांक नियतांक $h =6.6 \times 10^{-34} \,Js$, प्रकाश की चाल $c =3.0 \times 10^{8} \,m / s$ ]

  • [JEE MAIN 2019]

$1.0 \times {10^{14}}Hz$ आवृत्ति का एक विद्युत चुम्बकीय विकिरण, स्पेक्ट्रम के अवरक्त भाग में है। इसके एक फोटॉन की ऊर्जा जूल में होगी

यदि हम फोटॉन की ऊर्जा को $keV$ में तथा तरंगदैध्र्य को एंगस्ट्रॉम में प्रदर्शित करें, तो फोटॉन की ऊर्जा निम्न संबंध से ज्ञात की जा सकती है

${10^{ - 10}}$ तरंगदैध्र्य के $X-$ किरण पुंज में फोटॉन का संवेग होगा

प्रकाश विद्युत प्रभाव के प्रयोग में आपर्तित फोटॉन