धातु का कार्य फलन होता है

  • A

    धातु में प्रवेश करने के लिये इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा

  • B

    $X-$ किरणें उतपन्न करने के लिये आवश्यक ऊर्जा

  • C

    धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन बाहर आने के लिये आवश्यक ऊर्जा

  • D

    उपरोक्त में से कोई नहीं

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एक $100\, W$ सोडियम बल्ब (लैंप) सभी दिशाओं में एकसमान ऊर्जा विकिरित करता है। लैंप को एक ऐसे बड़े गोले के केंद्र पर रखा गया है जो इस पर आपतित सोडियम के संपूर्ण प्रकाश को अवशोषित करता है। सोडियम प्रकाश का तरंगदैर्घ्य $589\, nm$ है। $(a)$ सोडियम प्रकाश से जुड़े प्रति फ़ोटॉन की ऊर्जा कितनी है? $(b)$ गोले को किस दर से फ़ोटॉन प्रदान किए जा रहे हैं?

एक त्वरित्र (accelerator) प्रयोग में पाजिट्रॉनों $(e^+)$ के साथ इलेक्ट्रॉनों के उच्च-ऊर्जा संघट्टन पर, एक विशिष्ट घटना की व्याख्या कुल ऊर्जा $10.2 \,BeV$ के इलेक्ट्रॉन-पाज़िट्रॉन युग्म के बराबर ऊर्जा की दो $\gamma$ -किरणों में विलोपन के रूप में की जाती है। प्रत्येक $\gamma$ -किरण से संबंधित तरंगदैर्ध्यो के मान क्या होंगे? $\left(1 BeV =10^{9} eV \right)$

एक $2.48\, eV$ ऊर्जा वाले फोटॉन की तरंगदैध्र्य लगभग  ............ $ \mathring A $ है

एक महत्वपूर्ण स्पेक्ट्रमी उत्सर्जन रेखा की तरंगदैध्र्य $21 cm$ है। संगत फोटॉन ऊर्जा होगी

$(h = 6.62 \times {10^{ - 34}}Js;\;\;c = 3 \times {10^8}m/s)$

$\lambda $ तरंगदैध्र्य के फोटॉन की ऊर्जा होगी

  • [AIPMT 1988]