$C _{1}$ एवं $C _{2}$ धारिता के दो संधारित्रों को क्रमशः $120\, V$ तथा $200\, V$ विभव से आवेशित किया जाता है। इन्हें आपस में जोड़ने पर यह पाया जाता है कि इनमें से प्रत्येक पर विभव का मान शून्य है। तब
$9C_1=4C_2$
$5C_1=3C_2$
$3C_1=5C_2$
$3C_1+5C_2=0$
$A$ तथा $B$ दो सुचालक गोलों की त्रिज्याएँ $a$ तथा $b(b > a)$ तथा वायु में ये संकेन्द्रीय रखे हैं। $B$ को $+Q$ कूलॉम आवेश से आवेशित करते हैं, तथा $A$ को भू-सम्पर्कित करते हैं तो इनकी प्रभावी धारिता है
समान्तर प्लेट संधारित्र धारिता का मूल्य किस पर आश्रित नहीं है
एक गोलीय संधारित्र के भीतरी और बाह्य गोलों की त्रिज्याएँ क्रमश: $a$ और $b$ हैं। दोनों के मध्य हवा है। एक बार बाह्य गोला पृथ्वी से जोड़ें और दूसरी बार भीतरी गोला जोड़ें तो दोनों बार बने संधारित्रों की धारिताओं में अन्तर होगा
$1/9\,F$ धारिता वाले एक धात्विक गोले की त्रिज्या होगी
एक सूक्ष्म गोला जिस पर आवेश ‘$q$ ’ है, इसे दो समान्तर प्लेटों के मध्य $L$ लंबाई की डोरी से चित्रानुसार लटकाया गया है। पेण्डुलम का आवर्तकाल ${T_0}$ है। जब समान्तर प्लटों को आवेशित कर दिया जाये तो आवर्तकाल $T$ हो जाता है। $T/{T_0}$ अनुपात होगा