एक कार टायर में दाब वायुमण्डल दाब से चार गुना है तथा ताप $300 K$ है। यदि टायर अचानक फट जाता है, तो नया ताप होगा
$300\,{(4)^{1.4/0.4}}$
$300\,{\left( {\frac{1}{4}} \right)^{ - 0.4/1.4}}$
$300\,{(2)^{ - 0.4/1.4}}$
$300\,{(4)^{ - 0.4/1.4}}$
एक द्विपरमाणुक गैस $(\gamma=1.4)$ के किसी द्रव्यमान का दाब $2$ वायुमंडलीय दाब के बराबर है। इसको रूधोषम अवस्था में इतना संपीडित किया जाता है कि उसका ताप $27^{\circ} C$ से $927^{\circ} C$ हो जाता है। अंतिम अवस्था में गैस का दाब............. वायुमंडल है
दो मोल गैस के रुद्धोष्म प्रसार में उसकी आन्तरिक ऊर्जा में $100 $ जूल का हृास हुआ । इस प्रक्रिया में गैस द्वारा किया गया कार्य ..... $J$ (जूल) है
गैस के दो मोल में रुद्धोष्म परिवर्तन द्वारा गैस की आन्तरिक ऊर्जा $2$ जूल से कम हो जाती है, प्रक्रम में गैस पर किया गया कार्य ....... $J$ होगा
एक एकपरमाणुक आदर्श गैस प्रारम्भिक ताप ${T_1}$ पर, एक पिस्टन युक्त सिलिण्डर में भरी है। पिस्टन को अचानक स्वतंत्र करके गैस को रुद्धोष्म रूप से ${T_2}$ ताप तक प्रसारित होने देते हैं यदि सिलिण्डर में, गैस के प्रसार से पहले एवं बाद में गैस स्तम्भों की लम्बाइयाँ क्रमश: ${L_1}$ तथा ${L_2}$ हैं, तब ${T_1}/{T_2}$ का मान है
ऊष्मागतिकी प्रक्रमों के सम्बन्ध में निम्न कथनों में से कौन सा सत्य नहीं है