जब किसी नाभिक की अर्द्ध-आयु $1445$ वर्ष है उस समय इसके विघटन की दर ${10^{17}}$ प्रति सेकण्ड है। नाभिकों की मूल संख्या है
$8.9 \times {10^{27}}$
$6.6 \times {10^{27}}$
$1.4 \times {10^{16}}$
$1.2 \times {10^{17}}$
$100$ नाभिक प्रति सैकिण्ड की स्थिर दर से क्षयस्थिराँक $0.5 / s$ वाले रेडियोसक्रिय नाभिक उत्पन्न हो रहे हैं। यदि $t=0$ पर एक भी नामिक उपस्थित नहीं था, तब $50$ नाभिक उत्पन्न होने में लगा समय है
$A$ और $B$ पदार्थों के अर्द्ध आयुकाल क्रमश: $20$ मिनट और $40$ मिनट हैं, प्रारम्भ में $A$ और $B$ में नाभिकों की संख्या समान है। $80$ मिनट पश्चात $A$ और $B$ में बचे हुये नाभिकों की संख्या होगी
किसी समय पर $5 \mu Ci$ एक्टिवता के एक रेडियोएक्टिव नमूने (sample) $S_{1}$ में नाभिकों की संख्या एक दूसरे नमूने $S _{2}$, जिसकी एक्टिवता $10 \mu Ci$ है, के नाभिकों से दुगुनी है। $S_{1}$ एवं $S_{2}$ की अर्द्ध-आयुओं का मान होगा
एक रेडियोसक्रिय नमूने में समय $t = 0$ पर सक्रिय परमाणुओं की संख्या ${N_0}$ है। यदि किसी समय पर विघटन की दर $R$ एवं परमाणुओं की संख्या $N$ हो तो $R/N$ के परिवर्तन की प्रकृति समय के सापेक्ष होगी
क्यूरी एक इकाई है