रदरफोर्ड के $\alpha  - $कणों के प्रयोग से यह जानकारी प्राप्त होती है कि अधिकांश $\alpha  - $कण बिना प्रकीर्णन के निकल जाते हैं तथा कुछ अधिक कोण से प्रकीर्णित होते हैं। इसके द्वारा परमाणु संरचना की क्या जानकारी मिलती है

  • A

    परमाणु खोखला है

  • B

    पाष्चन श्रेणी अवरक्त क्षेत्र में एक रैखिल स्पेक्ट्रम है

  • C

    नाभिक धनावेशित हैं

  • D

    उपरोक्त सभी

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हाइड्रोजन परमाणु के बोहर मॉडल के संदर्भ में निम्न में कौनसे कथन सत्य है

$(I)$ इलेक्ट्रॉन की कक्षीय त्रिज्या घटती है यदि यह नाभिक से दूर असतत कक्षाओं में स्थानान्तरित होता है तो

$(II)$ इलेक्ट्रॉन की दी गई कक्षाओं की त्रिज्या मुख्य क्वाण्टम संख्या के समानुपाती होता है

$(III)$ नाभिक के चारों ओर असतत कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन कक्ष की आवृत्ति मुख्य क्वाण्टम संख्या के समानुपाती होती है

$(IV)$ इलेक्ट्रॉन जिस बंधक बल से नाभिक से जुड़ा होता है उसका मान बाहरी कक्षाओं की ओर जाने पर बढ़ता है

जब इलेक्ट्रॉनों को त्वरित करने वाले विभवान्तर को एक क्रांतिक मान से अधिक मान तक बढ़ाया जाता है, तो

नीचे दो कथन दिए गए हैं:

कथन $I$ : परमाणु वैध्रुत उदासीन होते हैं क्योंकि इनमें समान संख्या में धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेश होते हैं।

कथन $II$ : प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थाई होते हैं तथा अपना अभिलाक्षणिक स्पैक्ट्रम उत्सर्जित करते हैं।

उपरोक्त कथनों के आधार पर, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर चुनिए:

  • [NEET 2024]

हाइड्रोजन परमाणु का आयनन विभव $13.6 eV$ है। हाइड्रोजन परमाणुओं को $12.1eV$ फोटॉन ऊर्जा के एकवर्णी विकिरण द्वारा मूल अवस्था से उत्तेजित किया जाता है। बोहर के सिद्धान्तानुसार, हाइड्रोजन परमाणुओं द्वारा उत्सर्जित वर्णक्रम रेखायें होंगी

$5 \,MeV$ ऊर्जा का एक अल्फा कण एक स्थिर यूरेनियम नाभिक से $180^o$ के कोण पर प्रकीर्ण होता है। $\alpha  - $ कण की नाभिक के निकटतम आने की दूरी का कोटि मान है

  • [IIT 1981]