किसी तोप के गोलीबारी का आवाज स्थिति $A$ की अपेक्षा स्थिति $B$ पर एक सेकेण्ड बाद सुना जाता है। यदि ध्वनि की गति एकरूप हो तो
स्थिति $A$ एवं $B$ अतिपरबलय का नाभि है, जिसमें तोप की स्थिति अतिपरवलय के किसी एक शाखा पर है।
स्थिति $A$ एवं $B$ एक दीर्घवृत्त के नाभि हैं, तोप की स्थिति दीर्घवृत्त पर है।
$A, B$ में से एक की स्थिति परवलय का नाभि है, और तोप की स्थिति परवलय पर है।
दिए गए सूचना से $A, B$ एवं तोप की स्थिति का वर्णन संभव नहीं है।
यदि एक वृत्त एक आयताकार अतिपरवलय $xy = {c^2}$ को क्रमश: बिन्दुओं $A, B, C$ तथा $D$ पर काटे तथा उनके प्राचल (parameter) क्रमश: ${t_1},\;{t_2},\;{t_3}$ तथा ${t_4}$ हों तो
$0 < \theta < \pi / 2$ के लिए,
यदि अतिपरवलय $x^2-y^2 \operatorname{cosec}^2 \theta=5$ की उत्केन्द्रता, दीर्घवृत्त $x^2 \operatorname{cosec}^2 \theta+y^2=5$ की उत्केन्द्रता की $\sqrt{7}$ गुना है, तो $\theta$ का मान है :
रेखाओं $bxt - ayt = ab$ तथा $bx + ay = abt$ के प्रतिच्छेद बिन्दु का बिन्दुपथ है
यदि अतिपरवलय $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} - \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ पर दो स्पर्श रेखायें इस प्रकार खींची जाती हैं कि उनकी प्रवणताओं का गुणनफल ${c^2}$ है, तो वे निम्न वक्र पर प्रतिच्छेद करती हैं
यदि अतिपरवलय $16 x ^{2}-9 y ^{2}=144$ की नियता (directrix) $5 x+9=0$ है, तो इसका संगत नाभिकेन्द्र है