आरेख में दर्शाए अनुसार दो कुचालक शीटों, जिनके तापीय प्रतिरोध $R _{1}$ और $R _{2}$ तथा शीर्ष और तली के ताप $\theta_{1}$ तथा $\theta_{2}$ हैं, की संधि का ताप $\theta$ होगा।

981-796

  • [JEE MAIN 2021]
  • A

    $\frac{\theta_{1} R_{1}+\theta_{2} R_{2}}{R_{1}+R_{2}}$

  • B

    $\frac{\theta_{1} R _{2}-\theta_{2} R _{1}}{ R _{2}- R _{1}}$

  • C

    $\frac{\theta_{1} R _{2}+\theta_{2} R _{1}}{ R _{1}+ R _{2}}$

  • D

    $\frac{\theta_{1} R_{1}+\theta_{2} R_{2}}{R_{1}+R_{2}}$

Similar Questions

समान लम्बाई एवं समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाली दो छड़ों को एक साथ जोडा जाता है, जिसमें एक ताँबे से बनी है एवं दूसरी स्टील से। ताँबे एवं स्टील की ऊष्मीय चालकता क्रमशः $385\,J\,s ^{-1}\,K ^{-1}\,m ^{-1}$ एवं $50\,J\,s ^{-1}\,K^{-1}\,m ^{-1}$ है। ताँबे एवं स्टील के मुक्त सिरों को क्रमशः $100^{\circ}\,C$ एवं $0^{\circ}\,C$ पर रखा जाता है। संधि पर तापमान लगभग होगा $.......^{\circ}\,C$

  • [NEET 2022]

ताँबे व लोहे की दो एकसमान छड़ें एक समान रूप से मोम से लेपी गई हैं। प्रत्येक का एक सिरा उबलते पानी के ताप पर रखा गया है तब उन पर मोम पिघलने की लम्बाई क्रमश: $  8.4$ सेमी व $4.2$ सेमी है। यदि ताँबे का ऊष्मा चालकता गुणांक $0.92$ है, तो लोहे का ऊष्मा चालकता गुणांक है

एक बेलनाकार छड़ के सिरों के ताप ${T_1}$ व ${T_2}$ हैं। ऊष्मा प्रवाह की दर ${Q_1}$ $cal/sec$ है। यदि छड़ की सभी रेखीय विमायें दोगुनी कर दी जाये, एवं ताप को नियत रखा जाये, तब ऊष्मा प्रवाह की दर ${Q_2}$ होगी

  • [AIPMT 2001]

$r _{1}$ तथा $r _{2}$ त्रिज्याओं $\left( r _{1}\,<\, r _{2}\right)$ के दो पतले धातुत्वीय गोलीय कोशों को संपातित केन्द्रों के साथ रखा जाता है। दोनों कोशों के मध्य का भाग उष्मीय चालकता $K$ के पदार्थ से भरा है। आन्तरिंक कोश को ताप $\theta_{1}$ तथा बाहय कोश को ताप $\theta_{2}$ (जहाँ $\theta_{1}\,<\,\theta_{2}$ ) पर पोषित किया जाता है। पदार्थ से त्रिज्यीय प्रवाहित उष्मा की दर होती है।

  • [JEE MAIN 2021]

उदाहरण चित्र में दर्शाए अनुसार लोहे की किसी छड़ $\left(L_{1}=0.1 m , A _{1}=0.02 m ^{2}, K_{1}=79\right.$ $W m ^{-1} K ^{-1}$ ) को किसी पीतल की छड़ $\left( L _{2}=0.1 m \right.$ $A_{2}=0.02 m ^{2}, K_{2}=109 W m ^{-1} K ^{-1}$ ) के साथ सिरे से सिरे को मिलाकर डाला गया है। लोहे की छड़ तथा पीतल की छड़ के स्वतंत्र सिरों को क्रमश: $373\, K$ तथा $273 \,K$ पर स्थापित किया गया है। $(i)$ दोनों छड़ों की संधि पर ताप, $(ii)$ संयुक्त छड़ की तुल्य ऊष्मा चालकता, तथा $(iii)$ संयुक्त छड़ में ऊष्मा प्रवाह की दर के लिए व्यंजक निकालिए तथा परिकलित कीजिए।