एक सैकण्ड लोलक का आवर्तकाल $2$ सैकण्ड है। गोलाकार गोलक का द्रव्यमान $ 50$ ग्राम है और वह भीतर से रिक्त है। इस गोलक के स्थान पर यदि दूसरा ठोस गोलक जिसकी त्रिज्या उतनी ही है परन्तु द्रव्यमान $100$ ग्राम है, लिया जाये, तो नया आवर्तकाल .....सैकण्ड होगा
$4$
$1$
$2$
$8$
सरल लोलक की लम्बाई में $2\% $ की वृद्धि कर देने पर उसके आवर्तकाल में
दो सरल लोलकों, को जिनकी लम्बाईयाँ $100\, cm$ तथा $121\, cm$ है अलग-अलग लटकाया जाता है। इसके बाद उनके गोलकों को खींचकर छोड़ दिया जाता है। लम्बे लोलक के कितने न्यूनतम दोलनों के पश्चात् दोनों लोलक पुन: समान कला में होंगे
जब एक सरल लोलक को चित्र में दिखाये अनुसार $P$ से छोड़ा जाता है। तो $Q$ तक पहुँचने पर यह वायु घर्षण के कारण कुल ऊर्जा का $10\%$ भाग खो देता है। $Q$ पर इसका वेग ..... $m/sec$ होगा
एक खोखले गोले को उसमें बने हुए एक छिद्र द्वारा पानी से भरा जाता है। तत्पश्चात् उसे एक लम्बे धागे द्वारा लटकाकर दोलायमान किया जाता है। जब तल में स्थित छिद्र से पानी धीरे-धीरे बाहर निकलता है, तो गोले का दोलनकाल
“एक सरल लोलक सरल आवर्त गति कर रहा है” इसको प्रदर्शित करने के लिए यह मानना आवश्यक है। कि