एक समानान्तर पट्ट संधारित्र दो प्लेटो से बना है। प्रत्येक का क्षेत्रफल $30\,\pi\,cm ^2$ है तथा ये एक दूसरे से $1\,mm$ दूरी पर है। एक परावैद्युत पदार्थ (परावैद्युतांक सामर्थ्य $3.6 \times 10^7\,Vm ^{-1}$ ) को प्लेटो के मध्य भरा जाता है। यदि परावैद्युत को बिना क्षति पहुँचाये संधारित्र अधिकतम आवेश $7 \times 10^{-6}\,C$ को वहन कर सकता है तो पदार्थ का परावैद्युतांक ज्ञात कीजिए। $\left\{\frac{1}{4 \pi \varepsilon_0}=9 \times 10^9 Nm ^2 C ^{-2}\right\}$
$1.66$
$1.75$
$2.25$
$2.33$
प्लेट क्षेत्रफल $A$ तथा प्लेटों के बीच की दूरी $d$ के एक समान्तर प्लेट संधारित्र को $\mathrm{K}=4$ परावैधुतांक के परावैद्युत पदार्थ से भर दिया गया है। परावैद्युत पदार्थ की मोटाई $x$ है, जहाँ $x < d.$
माना $x=\frac{1}{3} d$ तथा $x=\frac{2 d}{3}$ के लिए निकाय की धारिताएं क्रमशः $\mathrm{C}_1$ व $\mathrm{C}_2$ हैं। यदि $\mathrm{C}_1=2 \mu \mathrm{F}, \mathrm{C}_2$ का मान__________$\mu \mathrm{F}$ है।
प्रत्येक $10 \mu \mathrm{F}$ धारिता वाले दो समान्तर पट्टिका संधारित्रों $\mathrm{C}_1$ एवं $\mathrm{C}_2$ को अलग-अलग $100 \mathrm{~V}$ वाले $D.C.$ (दिष्ट धारा) स्र्रोत द्वारा आवेशित किया जाता है। संधारित्र $\mathrm{C}_1$ को स्त्रोत से जुड़ा रखते हुए इसकी पट्टियों के बीच एक परावैद्युत गुटका रखा जाता है। संधारित्र $\mathrm{C}_2$ को र्रोत से हटाया जाता है, फिर इसकी पट्टियों के बीच परावैद्युत गुटका भरा जाता है। इसके बाद संधारित्र $\mathrm{C}_1$ को भी स्त्रोत से अलग कर दिया जाता है। अंततः दोनों संधारित्रों को समान्तर में जोड़ा जाता है। संयोजन का उभयनिष्ठ विभव: $\mathrm{V}$ हो। (परावैद्युतांक $=10$ मानकर)
$3$ परावैध्यूतांक तथा $10^{7} V m ^{-1}$ की परावैध्यूत सामर्थ्य वाले एक पदार्थ से $1\, kV$ वोल्टता अनुमतांक के समांतर पट्टिका संधारित्र की अभिकल्पना करनी है। [परावैध्यूत सामर्थ्य वह अधिकतम विध्यूत क्षेत्र है जिसे कोई पदार्थ बिना भंग हुए अर्थात् आंशिक आयनन द्वारा बिना वैध्यूत संचरण आरंभ किए सहन कर सकता है] सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र को कभी भी परावैध्यूत सामर्थ्य के $10\, \%$ से अधिक नहीं होना चाहिए। $50\, pF$ धारिता के लिए पट्टिकाओं का कितना न्यूनतम क्षेत्रफल होना चाहिए?
एक समान्तर प्लेट संधारित्र को सर्वप्रथम आवेशित किया जाता है। फिर इसकी प्लेटों के बीच परावैद्युतांक की पट्टिका रखी जाती है। अपरिवर्तित रहने वाली राशि है
पट्टिकाओं के बीच वायु वाले एक समांतर पट्टिका संधारित्र की प्रत्येक पट्टिका का क्षेत्रफल $6 \times 10^{-3} \,m ^{2}$ तथा उनके बीच की दूरी $3 \,mm$ है। संधारित्र की धारिता को परिकलित कीजिए। संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच यदि $3\, mm$ मोटी अभ्रक की एक शीट ( पत्तर) (परावैध्यूतांक $= 6)$ रख दी जाती है तो स्पष्ट कीजिए कि क्या होगा जब
$(a)$ विभव ( वोल्टेज) संभरण जुड़ा ही रहेगा।
$(b)$ संभरण को हटा लिया जाएगा?