तीन एक समान आवेश प्रत्येक $2\,C$ से आवेशित गेंदो को चित्रानुसार प्रत्येक $2\,m$ लम्बे रेशम के धागों से बांधकर उभयनिप्ट बिन्दु $P$ से लटकाया गया है। तीनों गेंदे $1\,m$ भुजा के समबाहु त्रिभुज का निर्माण करती है।किसी एक आवेशित गेंद पर लग रहे कुल बल तथा किन्ही दो आवेशित गेंदो के बीच के परस्पर बल का अनुपात होगा-
$1: 1$
$1: 4$
$\sqrt{3}: 2$
$\sqrt{3}: 1$
$(a)$ "किसी वस्तु का वैध्यूत आवेश क्वांटीकृत है," इस प्रकथन से क्या तात्पर्य है?
$(b)$ स्थूल अथवा बड़े पैमाने पर वैध्यूत आवेशों से व्यवहार करते समय हम वैध्यूत आवेश के क्वांटमीकरण की उपेक्षा केसे कर सकते हैं?
एक बिन्दु आवेश $q_1=4 q_0$ मूल बिन्दु पर स्थित है।एक अन्य बिन्दु आवेश $\mathrm{q}_2=-\mathrm{q}_0, \mathrm{x}=12 \mathrm{~cm}$ पर रखा गया है। आवेश $\mathrm{q}_0$ वाले एक प्रोटोन को $\mathrm{x}$-अक्ष पर इस प्रकार रखा गया है कि प्रोटोन पर स्थिर वैद्युत बल का मान शून्य है। इस स्थिति में मूल बिन्दु से प्रोटोन की स्थिति _________$\quad \mathrm{cm}$ है।
दो समरूप चालक गोलों $A$ व $B$ पर समान आवेश हैं। प्रारम्भ में उनके बीच की दूरी उनके व्यासों से बहुत अधिक है तथा उनके बीच बल $F$ है। $C$ इसी तरह का एक तीसरा गोला है जो आवेशहीन है। गोले $C$ को पहले $A$ से स्पर्श कराते हैं, फिर $B$ से स्पर्श कराते हैं और फिर हटा देते हैं। इस प्रकार से $A$ और $B$ के बीच बल का मान होगा
एक सरल लोलक के धात्विक गोलक पर ऋणावेश है तथा लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि इसे धनावेशित धात्विक प्लेट के ऊपर दोलित किया जाये तो इसका आवर्तकाल होगा
शुद्ध जल का परावैद्युतांक $81$ है, तो इसकी वैद्युतशीलता होगी