समान परिमाण के दो आवेश एक दूसरे से $r$ दूरी पर स्थित हैं और इनके मध्य कार्यरत बल $F$ है। यदि आवेशों के मान आधे कर दिये जायें एवं इनके मध्य की दूरी को दो गुनी कर दी जाये तो इनके मध्य नया बल होगा
$F / 8$
$F / 4$
$4 F$
$F / 16$
कल्पना कीजिये कि एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रान के आवेश में अल्प अन्तर होता है। इनमें से एक $- e$ है और दूसरा $( e +\Delta e )$ है। यदि एक दूसरे से $^{\prime} d ^{\prime}$ दूरी पर रखे हाइड्रोजन के दो परमाणुओं के बीच ( जहाँ $d$ परमाणु के साइज से बहुत अधिक है ) स्थिर वैधुत बल और गुरूत्वीय बल का परिणामी ( नेट) शून्य है तो, $\Delta e$ की कोटि होगी :
(दिया है, हाइड्रोजन का द्रव्यमान $m _{ h }=1.67 \times 10^{-27}$ $kg)$
शुद्ध जल का परावैद्युतांक $81$ है, तो इसकी वैद्युतशीलता होगी
दो समान ऋण आवेश $q$, $q$, $Y$-अक्ष पर बिन्दुओं $(0,\,a)$ तथा $(0,\, - a)$ पर स्थित हैं। एक धन आवेश $Q$, $X$-अक्ष पर बिन्दु $(2a,\,0)$ पर विरामावस्था से मुक्त किया जाता है। आवेश $Q$
$40$ स्थैतिक कूलॉम बिन्दु आवेश से $2$ सेमी की दूरी पर भू-संयोजित धातु की बड़ी प्लेट रखी गई है, तो बिन्दु आवेश पर लगने वाला आकर्षण बल .........डाइन है
$4$ सेमी और $6$ सेमी की त्रिज्या के दो गोलों $A$ और $B$ को क्रमश: $80\,\mu C$ और $40\,\mu C$ आवेश दिया जाता है। इन दोनों को पतले तार से जोड़ा जाता है तो एक गोले से आवेश दूसरे गोले को जावेगा