$0.5$ सेमी$^2$ अनुप्रस्थ काट के लोहे के तार की लम्बाई को दोगुनी करने के लिये आवश्यक बल का मान होगा ($Y = {10^{12}}$डाइन/सेमी${^2}$)
$1.0 \times {10^{ - 7}}N$
$1.0 \times {10^7}N$
$0.5 \times {10^{ - 7}}N$
$0.5 \times {10^{12}}$dyne
$1$ मीटर लम्बे एवं $1$ मिलीमीटर$^2$ अनुप्रस्थ काट वाले लोहे के तार को दृढ़ आधार से लटकाया गया है। जब इससे $1$ किलोग्राम भार को लटकाया जाता है तब इसकी लम्बाई में परिवर्तन..... $mm$ होगा $(Y = 2 \times {10^{11}}N/{m^2})$
तार पर भार लटकाने से इसकी लम्बाई $3$ मिमी बढ़ जाती है। समान लम्बाई तथा समान पदार्थ के एक अन्य तार जिसकी त्रिज्या पहले वाले की आधी है, पर समान भार लटकाने पर लम्बाई में वृद्धि ..... $mm$ होगी
प्रत्यास्थता के ‘‘हुक के नियम’’ के अनुसार यदि प्रतिबल को बढ़ा दिया जाये तो प्रतिबल व विकृति का अनुपात
$2$ मीटर लम्बा तार $10\,c{m^3}$ ताँबे से बनाया गया है। कोई बल $F$ इस प्रकार लगाया जाता है कि इसकी लम्बाई $2$ मिलीमीटर बढ़ जाये। $8$ मीटर का एक अन्य तार समान आयतन के ताँबे से बना है। यदि इस पर $F$ बल आरोपित किया जाये तो तार की लम्बाई में ......... $cm$ वृद्धि होगी
चार समान खोखले बेलनाकार मदु इस्पात स्तम्भ $50 \times 10^{3}$ किलाग्राम के भारी संरचना को संभालते हैं। प्रत्येक स्तम्भ की आन्तरिक तथा बाह्य त्रिज्याएं क्रमशः $50$ सेमी. तथा $100$ सेमी. है। समान स्थानीय वितरण मानते हुए स्तम्भ के सम्पीडन विकति की गणना कीजिए। $\left[ Y =2.0 \times 10^{11} \,Pa , g =9.8\right.$ मी/से.$^2$ का उपयोग करे]