कोहरे की स्थिति में वह दूरी $d$, जहाँ से सिग्नल स्पष्ट रूप से दिखाई दे, जानने के लिए एक रेलवे इंजीनियर विमीय विश्लेषण का प्रयोग करता है। उसके अनुसार यह दूरी $d$ कोहरे के द्रव्यमान घनत्व $\rho$ सिग्नल के प्रकाश की तीव्रता $S$ (शक्ति/क्षेत्रफल) तथा उसकी आवृत्ति $f$ पर निर्भर है। यदि इंजीनियर $d$ को $S ^{1 / n}$ के समानुपाती पाता है, तब $n$ का मान है :
$3$
$4$
$5$
$6$
चुम्बकशीलता (Permeability) $\mu_0$ की विमायें हैं
यदि इलेक्ट्रॉन-आवेश $e$, इलेक्ट्रॉन-द्रव्यमान $m$, निर्वात् में प्रकाश के वेग $c$ तथा प्लाँक स्थिरांक $h$, को मूल राशियाँ मान लिया जाय तो, निर्वात् की चुम्बकशीलता $\mu_{0}$ का मात्रक होगा :
किसी कण की समय $t$ पर स्थिति निम्न प्रकार दी गयी है $x(t) = \left( {\frac{{{v_0}}}{\alpha }} \right)\;(1 - {c^{ - \alpha \,t}})$, जहाँ ${v_0}$ एक नियतांक तथा $\alpha > 0,$ ${v_0}$ व $\alpha $ की विमायें क्रमश: हैं
$\frac{ B ^{2}}{2 \mu_{0}}$, जहाँ $B$ चुम्बकीय क्षेत्र है और $\mu_{0}$ निर्वात की चुम्बकीय पागम्यता है, की विमायें हैं।
ऊष्मीय ऊर्जा का विमीय सूत्र है