इस्पात के दो तारों $A$ तथा $B$ में समान आवृत्ति की अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न की जाती हैं। $A$ का व्यास $ B$ का दो गुना है तथा $A$ में तनाव $B$ के तनाव का आधा है। $A$ तथा $B$ में तरंग के वेगों का अनुपात है
$1\;:\;3\sqrt 2 $
$1\;:\;2\sqrt 2 $
$1\;:\;2$
$\sqrt 2 \;:\;1$
दो तार एक सोनोमीटर में कसे हैं। इनके तनाव $8 : 1$ के अनुपात में हैं। इनकी लम्बाइयाँ $36 : 35$ के अनुपात में हैं। व्यास $ 4 : 1$ के अनुपात में हैं। पदार्थो के घनत्व $1 : 2$ के अनुपात में है। यदि इस व्यवस्था में निम्न आवृत्ति $360 Hz$ हो तो विस्पन्द आवृत्ति क्या होगी जब दोनों तार एकसाथ ध्वनित किये जाते हैं
$2 m$ लम्बी एक डोरी दोनों सिरों पर कसी हुयी है यदि डोरी $500Hz$ आवृत्ति से चौथी विधा में कम्पन करती है तो तरंग चाल ..... $m/s$ होगी
एक तनी हुई डोरी के कम्पनों का परीक्षण करने वाला उपकरण है
किसी तनी हुयी डोरी में तरंग का वेग $2$ मी/सैकण्ड है। डोरी में अप्रगामी तरंगें बनती हैं जिनके निस्पंद $5$ सेमी दूरी पर हैं। डोरी के कम्पन की आवृत्ति हर्ट्ज में होगी
प्रायोगिक सोनोमीटर के समान एक डोरी वाली वाधयंत्र की डोरी को बीच में खींचकर छोड़ा जाता है। यदि किसी सितार की डोरी को सिरे से एक चौथाई लम्बाई पर दबाकर छोड़ा जाये तो उत्पन्न संभावित संनादी होगा