$1$ सेमी लम्बी डोरी $256$ हर्ट्ज मूल आवृत्ति के कम्पन करती है। तनाव को अपरिवर्तित रखते हुए यदि लम्बाई $1/4$ सेमी कर दी जाए तब नयी मूल आवृत्ति होगी
$64$
$256$
$512$
$1024$
किसी तनी हुयी डोरी में तरंग का वेग $2$ मी/सैकण्ड है। डोरी में अप्रगामी तरंगें बनती हैं जिनके निस्पंद $5$ सेमी दूरी पर हैं। डोरी के कम्पन की आवृत्ति हर्ट्ज में होगी
यदि किसी सोनोमीटर-तार का तनाव चार गुना कर दिया जाये तो तार की मूल आवृत्ति .... $times $ गुणक से बढ़ जाएगी
दोनों सिरों से बँधी हुई $2.0\, m$ लम्बी एक डोरी $240 \,Hz$ के एक कम्पित्र से चलित है। डोरी अपने तीसरे गुणावृत्ती (harmonic) में कंपन करती है। तरंग की चाल और इसकी मूल आवृत्ति हैं।
एक सोनोमीटर तार किसी दिये गये स्वरित्र के साथ समस्वरित है, तथा इस स्थिति में तार पर बनी अप्रगामी तरंग मे दो सेतुओं के बीच $5$ प्रस्पंद बनते हैं, जबकि तार से लटकाया गया द्रव्यमान $9 kg$ है। जब इस द्रव्यमान के स्थान पर $M$ द्रव्यमान लटकाया जाता है तब तार उसी स्वरित्र के साथ समस्वरित है। तथा ब्रिजों की उसी स्थिति में तरंग में $3$ प्रस्पंद बनते हैं। $M$ का मान .... $kg$ है
स्थायी सिरों के बीच एक सोनोमापी तार की कुल लम्बाई $110 \;cm$ हैं। इसकी लम्बाई को अनुपात $6: 3: 2$ में विभाजित करने के लिये दो सेतु रखे गये हैं। तार में तनाव $400\; N$ हैं और प्रति इकाई लम्बाई, द्रव्यमान $0.01 \;kg / m$ हैं। वह न्यूनतम उभयनिष्ठ आवृत्ति, जिससे कि तीनों भाग कम्पन कर सकेंगें, हैं