दो समान पतले दण्ड चुम्बकों को, जिनमें प्रत्येक की लम्बाई  $ l $ है और ध्रुव प्राबल्य $m$  है, $90°$  के कोण पर रखा जाता है इस प्रकार कि एक चुम्बक उत्तरी ध्रुव पर दूसरी चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव के साथ आता है निकाय का चुम्बकीय आघूर्ण है

  • A

    $ml$

  • B

    $2\,ml$

  • C

    $\sqrt 2 \,ml$

  • D

    $\frac{1}{2}\,ml$

Similar Questions

दो समरूप लघु छड़ चुम्बक प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $M$ है, क्षैतिज तल में एक दूसरे से $2d $ दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके अक्ष एक दूसरे के लम्बवत् है। तो दोनों को जोड़ने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा

  • [IIT 2000]

चुम्बकत्व का अंत्य व्यैक्तक अनुभाग (Ultimate endividual unit) कहलाता है

दण्ड चुम्बक की चुम्बकीय बल रेखाएँ एक-दूसरे को नहीं काटतीं क्योंकि

आरेख में दंड (छड़) चुम्बकों की व्यवस्थाओं के विन्यास दिये गये हैं। प्रत्येक चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $m$ है। किस विन्यास में नेट चुम्बकीय द्विधुव आघूर्ण का मान अधिकतम होगा ?

  • [AIPMT 2014]

एक दण्ड चुम्बक का केन्द्र $O$  और लम्बाई  $4 $ सेमी है । बिन्दु $P_1$ निरक्षीय स्थिति में और बिन्दु $P_2$ अक्षीय स्थिति में इस प्रकार है कि $OP_1 = OP_2 = 10$ मीटर ।  $P_1$  और $P_2$ पर चुम्बकीय तीव्रता $H$ का अनुपात होगा