समान चुम्बकीय आघूर्ण $M $ के दो एकसमान छड़चुम्बक $P$ एवं $Q$ लिये गये हैं। यदि $P$  को इसकी अक्षीय रेखा के परित: तथा $Q$  को इसकी निरक्ष के परित: काट दिया जाय तो चारों भागों में

  • A

    समान ध्रुव प्रबलता होगी

  • B

    चुम्बकीय आघूर्ण $\frac{M}{4}$ होगा

  • C

    चुम्बकीय आघूर्ण $\frac{M}{2}$होगा

  • D

    चुम्बकीय आघूर्ण $M$ होगा

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अक्षीय बिन्दु पर एक लघु चुम्बक के कारण चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होती है

दो पृथक प्रयोगों में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में रखे छोटे चुम्बकों के उदासीन बिन्दु $r$ तथा $2r$  दूरी पर निरक्ष स्थिति में मिलते हैं। चुम्बकों के चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात है

चुम्बकीय क्षेत्र $B$ की बल रेखाओं से सम्बन्धित असत्य कथन है

दो समरूप लघु छड़ चुम्बक प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $M$ है, क्षैतिज तल में एक दूसरे से $2d $ दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके अक्ष एक दूसरे के लम्बवत् है। तो दोनों को जोड़ने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा

  • [IIT 2000]

दो छड़ चुम्बक, प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $M$  है, एक दूसरे के लम्बवत् क्रॉस के रूप में रखे गये हैं। इस व्यवस्था का चुम्बकीय आघूर्ण होगा