समान चुम्बकीय आघूर्ण $M $ के दो एकसमान छड़चुम्बक $P$ एवं $Q$ लिये गये हैं। यदि $P$ को इसकी अक्षीय रेखा के परित: तथा $Q$ को इसकी निरक्ष के परित: काट दिया जाय तो चारों भागों में
समान ध्रुव प्रबलता होगी
चुम्बकीय आघूर्ण $\frac{M}{4}$ होगा
चुम्बकीय आघूर्ण $\frac{M}{2}$होगा
चुम्बकीय आघूर्ण $M$ होगा
$(a)$ क्या होता है जबकि एक चुंबक को दो खंडों में विभाजित करते हैं $(i)$ इसकी लंबाई के लंबवत $(ii)$ लंबाई के अनुदिश?
$(b)$ एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में रखी गई किसी चुंबकीय सुई पर बल आघूर्ण तो प्रभावी होता है पर इस पर कोई परिणामी बल नहीं लगता। तथापि, एक छड़ चुंबक के पास रखी लोहे की कील पर बल आघूर्ण के साथ-साथ परिणामी बल भी लगता है। क्यों?
$(c)$ क्या प्रत्येक चुंबकीय विन्यास का एक उत्तरी और एक दक्षिणी ध्रुव होना आवश्यक है? एक टोरॉयड के चुंबकीय क्षेत्र के संबंध में इस विषय में अपनी टिप्पणी दीजिए।
$(d)$ दो एक जैसी दिखाई पड़ने वाली छड़ें $A$ एवं $B$ दी गई हैं जिनमें कोई एक निश्चित रूप से चुंबकीय है, यह ज्ञात है (पर, कौन सी यह ज्ञात नहीं है )। आप यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि दोनों छड़ें चुंबकित हैं या केवल एक? और यदि केवल एक छड़ चुंबकित है तो यह कैसे पता लगाएँगे कि वह कौन सी है। [ आपको छड़ों $A$ एवं $B$ के अतिरिक्त अन्य कोई चीज प्रयोग नहीं करनी है। $]$
एक स्थायी चुम्बक
विलगित (isolated) बिन्दु से $d $ दूरी पर $m $ इकाई ध्रुव प्राबल्य का वायु में चुम्बकीय प्रेरण का मान होगा
$M$ चुम्बकीय आघूर्ण और $m$ ध्रुव सामथ्र्य के चुम्बक को दो समान भागों में विभाजित किया जाता है तो प्रत्येक भाग का चुम्बकीय आघूर्ण होगा
यदि किसी धातु के टुकड़े को चुम्बक माना जाये तो सही कथन है