दो समान आवेशित कण जिनमें से प्रत्येक का द्रव्यमान $10\,g$ तथा आवेश $2.0 \times 10^{-7}\,C$ कूलाम है, एक क्षैतिज मेज पर $L$ दूरी पर सीमित संतुलन की स्तिथि में स्थित है। यदि प्रत्येक कण और मेज के मध्य घर्षण गुणांक $0.25$ है तो $L$ का मान $........$ $\left[ g =10\,ms ^{-2}\right]$
$12$
$10$
$8$
$5$
एक उदासीन धात्विक गोले से जब ${10^{14}}$ इलेक्ट्रॉन हटाये जाते हैं, तो गोले पर आवेश हो जाता है
जब इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन के बीच $1.6 \,\dot{A}$ की दूरी है, तो उन दोनों के बीच अन्योन्य आकर्षण के कारण इलेक्ट्रॉन का त्वरण होता है,
$\left(m_{e} \simeq 9 \times 10^{-31}\, kg , \quad e=1.6 \times 10^{-19}\, C \right)$
(लीजिए $\left.\frac{1}{4 \pi \epsilon_{0}}=9 \times 10^{9}\, N\,m ^{2}\, C ^{-2}\right)$
निम्न चित्र में एकसमान द्रव्यमान $m$ तथा एकसमान आवेश $q$ वाली दो सूक्ष्म चालक गेदें, बराबर $L$ लम्बाई के कुचालक धागों से लटक रही हैं। यदि $\theta $ को बहुत छोटा मानें ताकि $\tan \theta \approx \sin \theta $, तो साम्यावस्था में $x$ का मान है
दो समान गोले जिन पर $ + \,q$ और $ - \,q$ आवेश हैं कुछ दूरी पर रखे हैं। उनके बीच $F$ बल कार्य करता है। अगर दोनों गोलों के बीचोंबीच एकसमान $ + \,q$ आवेश का गोला रखा जाए तो उस पर कार्य करने वाले बल का मान व दिशा होगी
प्रत्येक $2\,\mu C$ के दो आवेश एक दूसरे से $0.5$ मीटर की दूरी पर स्थित हैं। यदि दोनों निर्वात में उपस्थित हों तो उनके मध्य बल........$N$ होगा