चुम्बक में चुम्बकत्व का कारण है
इलेक्ट्रॉन की स्पिन गति
पृथ्वी
पृथ्वी में भारी चुम्बकीय दाब के कारण
कॉस्मिक किरणें
एक दण्ड चुम्बक उत्तर-दक्षिण दिशा में रखा जाता है। यदि उसका उत्तरी ध्रुव उत्तर की ओर हो तो शून्य तीव्रता वाले बिन्दुओं की दिशा चुम्बक के केन्द्र से किस ओर होगी
एक स्थायी चुम्बक
$M, $ चुम्बकीय आघूर्ण के एक छोटे से चुम्बकीय द्विधुव के कारण निरक्षीय रेखा पर केन्द्र से $ r$ दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होता है ($M.K.S. $ पद्धति में)
$10 \,cm$ लम्बी एवं $ 4.0 \,Am $ ध्रुव सामथ्र्य वाली एक चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण....$A{m^2}$ होगा
दो चुम्बकों को चित्रानुसार समकोण पर जोड़ा गया हैं। चुम्बक $1$ का चुम्बकीय आघूर्ण, चुम्बक $2$ के चुम्बकीय आघूर्ण का $3$ गुना है। इस व्यवस्था को इस प्रकार कीलकित किया गया है कि यह क्षैतिज तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है। संतुलन की स्थिति में चुम्बक $ 1$ चुम्बकीय याम्योत्तर से किस कोण पर होगा