एक लघु चुम्बक को एक क्षैतिज धात्विक वलय के अक्ष के अनुदिश ऊपर से गिराया जाता है। विराम से $1\, sec$ पश्चात् चुम्बक द्वारा तय की गई दूरी ......$m$ हो सकती है
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चित्र में $O$ बिंदु पर रखी गई एक छोटी चुंबकीय सुई $P$ दिखाई गई है। तीर इसके चुंबकीय आघूर्ण की दिशा दर्शाता है। अन्य तीर, दूसरी समरूप चुंबकीय सुई $Q$ की विभिन्न स्थितियों (एवं चुंबकीय आघूर्ण के दिकविन्यासों ) को प्रदर्शित करते हैं।
$(a)$ किस विन्यास में यह निकाय संतुलन में नहीं होगा?
$(b)$ किस विन्यास में निकाय $(i)$ स्थायी $(ii)$ अस्थायी संतुलन में होंगे?
$(c)$ दिखाए गए सभी विन्यासों में किसमें न्यूनतम स्थितिज ऊर्जा है?
एक चुम्बकीय सुई को ऐंठनरहित धागे से क्षैतिजत: लटकाया गया है। यह प्रत्यानन बल आघूर्ण के कारण क्षैतिज तल में दोलन करता है। यह प्रत्यानन बल आघूर्ण मुख्यत: किससे उत्पन्न होता है
अक्षीय बिन्दु पर एक लघु चुम्बक के कारण चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होती है
अक्षीय स्थिति में लम्बाई $d$ के दो तनु चुम्बकीय द्विध्रुवों के मध्य बिन्दुओं को $x$ दूरी पर रखा गया है $(x > > d )$ दोनों के बीच बल $x^{- n }$ के समानुपाती है, जहाँ $n$ है :
दो समान पतले दण्ड चुम्बकों को, जिनमें प्रत्येक की लम्बाई $ l $ है और ध्रुव प्राबल्य $m$ है, $90°$ के कोण पर रखा जाता है इस प्रकार कि एक चुम्बक उत्तरी ध्रुव पर दूसरी चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव के साथ आता है निकाय का चुम्बकीय आघूर्ण है