$0.01 m$ की दूरी द्वारा पृथक्कृत दो बड़ी वृत्तीय चकतियों को चित्र में दर्शाए अनुसार एक स्विच द्वारा एक बैटरी से संयोजित किया जाता है। घनत्व $900 kg m ^{-3}$ की आवेशित तेल की बूँदों को शीर्ष चकती के केन्द्र पर एक महिन छिद्र से छोड़ा जाता है। जब कुछ तेल की बूँदें टर्मिनल वेग प्राप्त करती है, तब चकतियों के सिरों पर $200 V$ की वोल्टता आरोपित करके स्विच को बन्द किया जाता है। जिसके परिणामस्वरूप, त्रिज्या $8 \times 10^{-7} m$ की तेल की एक बूँद ऊर्ध्वाधर रूप से गति करना बन्द कर देती है तथा चकतियों के मध्य तैरती है। इस तेल की बूँद में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या. . . . .  . है। (उत्प्लावन बल को नगण्य माने, गुरूत्वीय त्वरण $=10 ms ^{-2}$ तथा इलेक्ट्रॉन ($e$) पर आवेश $=1.6 \times 10^{-19} C$ लें)

223796-q

  • [IIT 2020]
  • A

    $6$

  • B

    $7$

  • C

    $8$

  • D

    $9$

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किसी बिन्दु आवेश से एक निश्चित दूरी पर विद्युत क्षेत्र $500\,V/m$ तथा विभव $3000\,V$ है। यह निश्चित दूरी .......$m$ है

निम्न चित्र में समविभवी सतहें प्रदर्शित हे। विद्युत क्षेत्र की तीव्रता होगी

मिलिकन की तेल बूँद विधि के एक प्रयोग में $Q$ आवेश की एक तेल बूँद को $2400$ वोल्ट विभवान्तर से दोनों प्लेटों के बीच स्थिर रखा जाता है। इस बूँद की आधी त्रिज्या की एक अन्य बूँद को स्थिर रखने के लिए $600$ वोल्ट विभवान्तर की आवश्यकता होती है। तब इस दूसरी बूँद पर आवेश क्या होगा

किसी बिन्दु $( x , y , z )$ (मीटर में) पर विधुत विभव, $V =4 x ^{2}$ वोल्ट है। बिन्दु (1,0,2) पर विधुत क्षेत्र वोल्ट प्रति मी. में होगा:

  • [AIPMT 2011]

किसी स्थिरवैद्युत आवेश वितरण का विभव निम्न समीकरण के द्वारा दिया गया है $V(r)=\frac{q e^{-\alpha r}}{4 \pi \varepsilon_0 r}$ जहां $\alpha$ धनात्मक है। एक $1 / \alpha$ त्रिज्या के गोले, जिसका केंद्र मूल बिन्दु (origin) पर है, के अंदर कुल आवेश होगा:

  • [KVPY 2018]