निम्न चित्र में विभव $V$ का $x$-अक्ष पर पाँच क्षेत्रों में दूरी के साथ परिवर्तन दर्शाया गया है। इन क्षेत्रों में विद्युत क्षेत्र $E$ के लिए क्या सही है

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  • A

    ${E_1} > {E_2} > {E_3} > {E_4} > {E_5}$

  • B

    ${E_1} = {E_3} = {E_5}$ तथा ${E_2} < {E_4}$

  • C

    ${E_2} = {E_4} = {E_5}$ तथा ${E_1} < {E_3}$

  • D

    ${E_1} < {E_2} < {E_3} < {E_4} < {E_5}$

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दो समान्तर पट्टिकाओं के बीच की दूरी $5\,mm$ है और इनके बीच $50\,V$ का विभवान्तर है। ${10^{ - 15}}\,kg$ द्रव्यमान और ${10^{ - 11}}\,C$ कूलॉम आवेश वाला एक कण ${10^7}\,m/s$ के वेग से इसमें प्रवेश करता है। इस कण का त्वरण होगा

एक आवेश-वितरण के द्वारा निम्नलिखित विभव (वोल्ट में) उत्पत्र होता है :

$V (z)=30-5 z^{2},|z| \leqslant 1 m$ में

$V (z)=35-10|z|,|z| \geqslant 1 m$ में

$V (z), x$ एवं $y$ पर निर्भर नहीं करता। यदि यह विभव एक नियत आवेश जो प्रति इकाई आयतन $\rho_{0}\left(\varepsilon_{0}\right.$ इकाइयों में) है तथा एक दिये हुए क्षेत्र में फैला हुआ है, से उत्पादित है, तब निम्नलिखित में से सही विकल्प का चयन करें

  • [JEE MAIN 2016]

किसी बिन्दु पर विद्युत विभव $V =  - 5x + 3y + \sqrt {15} z$ से दिया जाता है। विद्युत क्षेत्र का परिमाण है

$0.01 m$ की दूरी द्वारा पृथक्कृत दो बड़ी वृत्तीय चकतियों को चित्र में दर्शाए अनुसार एक स्विच द्वारा एक बैटरी से संयोजित किया जाता है। घनत्व $900 kg m ^{-3}$ की आवेशित तेल की बूँदों को शीर्ष चकती के केन्द्र पर एक महिन छिद्र से छोड़ा जाता है। जब कुछ तेल की बूँदें टर्मिनल वेग प्राप्त करती है, तब चकतियों के सिरों पर $200 V$ की वोल्टता आरोपित करके स्विच को बन्द किया जाता है। जिसके परिणामस्वरूप, त्रिज्या $8 \times 10^{-7} m$ की तेल की एक बूँद ऊर्ध्वाधर रूप से गति करना बन्द कर देती है तथा चकतियों के मध्य तैरती है। इस तेल की बूँद में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या. . . . .  . है। (उत्प्लावन बल को नगण्य माने, गुरूत्वीय त्वरण $=10 ms ^{-2}$ तथा इलेक्ट्रॉन ($e$) पर आवेश $=1.6 \times 10^{-19} C$ लें)

  • [IIT 2020]

दो धातु की पट्टियाँ जिनके बीच विभवान्तर $800\,$वोल्ट है, क्षैतिज अवस्था में एक-दूसरे से $0.02\,$ मीटर की दूरी पर है। एक $1.96 \times {10^{ - 15}}$ किग्रा संहति का कण इनके बीच सन्तुलन में लटका है। यदि $e$ मूल आवेश हो, तो कण पर आवेश होगा