दो बड़ी ऊर्ध्वाधर (vertocal) व संमातर धातु प्लेटों के बीच $1 \ cm$ की दूरी है। वे $X$ विभंवातर के $D C$ स्त्रोत से जुड़ी हैं। दोनों प्लेंटो के मध्य एक प्रोटॉन को स्थिर- अवस्था में छोड़ा जाता है। छोड़े जाने के तुरंत बाद प्रोटॉन ऊर्ध्व से $45^{\circ}$ कोण बनाता हुआ गति करता है। तब $X$ का मान लगभग है :
$1 \times 10^{-5} \ V$
$1 \times 10^{-7} \ V$
$1 \times 10^{-9} \ V$
$1 \times 10^{-10} \ V$
दो अचालक $R_1$ तथा $R_2$ त्रिज्या वाले गोलों को क्रमशः $+\rho$ तथा $-\rho$ एकसमान आयतन आवेश घनत्व से आवेशित किया गया है। इन गोलों को चित्र में दर्शाए अनुसार इस प्रकार जोड़ कर रखा गया है कि वे आंशिक रूप से अतिछादित है। अतिछादित क्षेत्र के प्रत्येक बिन्दु पर -
$(A)$ स्थिर विधुत क्षेत्र शून्य है।
$(B)$ स्थिर विधुत विभव अचर है।
$(C)$ स्थिर विधुत क्षेत्र का परिमाण अचर है।
$(D)$ स्थिर विधुत क्षेत्र की दिशा एकसमान है।
यदि आठ एकसमान आवेशित बूँदों से मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी जाये तो एक छोटी बूँद की तुलना में बड़ी बूँद का विभव होगा
दो आवेशित अवरोधी गोलाकारों की त्रिज्या क्रमश: $20\,cm$ और $25\,cm$ है और दोनों पर समान वैद्युत आवेश $Q$ है। इन्हेंं तांबे के तार के साथ संयोजित किया गया है
आवेश $Q$ को तीन समकेन्द्रीय तथा त्रिज्या $a, b, c$ $( a < b < c )$ के गोलाकार कोशों पर इस तरह वितरित किया है कि तीनों पर क्षेत्रीय घनत्व बराबर है। कोशों के केन्द्र से दूरी $r\,<\,a$ पर स्थित एक बिन्दु पर कुल विभव का मान होगा?
एक पतले गोलीय चालक कोश की त्रिज्या $R$ तथा इस पर आवेश $q$ है। अन्य आवेश $Q$ को कोश के केन्द्र पर रख दिया गया है। गोलीय कोश के केन्द्र से $\frac{R}{2}$ दूरी पर बिन्दु $P$ पर विद्युत विभव होगा