दो प्लेटों पर समान और विपरीत आवेश हैं। जब दोनों के मध्य के स्थान में निर्वात् उत्पन किया जाता है, तो वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता (प्लेटों के मध्य) $2 \times {10^5}\,V/m$ रहती है। जब प्लेटों के मध्य परावैद्युत रखा जाता है, तो वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता $1 \times {10^5}\,V/m$ होती है। परावैद्युत पदार्थ का परावैद्युतांक
$1/2$
$1$
$2$
$3$
दो परावैद्युत पट्टिकाओं का परावैद्युतांक क्रमश: ${K_1}$ और ${K_2}$ है। इन्हें संधारित्र की दो प्लेटों के मध्य रखा गया है, तो संधारित्र की धारिता होगी
वायु माध्यम के समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $100\, \mu F$ है तथा प्लेटों के मध्य की दूरी $d$ है। एक $t$ मोटाई की शीट $t(t \le d)$ जिसका परावैद्युतांक $5$ है, को प्लेटों के मध्य रखा जाता है, तो धारिता .......$\mu F$ हो सकती है
चित्र में दिए गए पात्र का आधार $50 cm \times 5 cm$ तथा ऊँचाई $50 cm$ है| पात्र की दो समानान्तर दीवारें, जिनका क्षेत्रफल $50 cm \times 50 cm$ है, विद्युत् की चालक (electrically conducting) हैं| शेष सभी दीवारें पतली तथा अचालक हैं| एक परावैद्युतांक $3$ वाले द्रव को खाली पात्र में $250 cm ^3 s ^{-1}$ की एकसमान दर से भरा जाता है। $10$ सेकंड समय के उपरान्त पात्र की धारिता का $pF$ में मान क्या है?
[दिया है : मुक्त आकाश की विद्युतशीलता $\epsilon_0=9 \times 10^{-12} C ^2 N ^{-1} m ^{-2}$, अचालक दीवारों के धारिता पर प्रभाव नगण्य है]
एक $V$ विभवान्तर का विद्युत स्रोत, दो एकसमान संधारित्रों के संयोजन के साथ दर्शाये चित्रानुसार जोड़ा जाता है। जब कुंजी ' $K$ ' बंद होती है, तो संयोजन द्वारा कुल संचित ऊर्जा $E _1$ है। अब कुंजी ' $K$ ' खोल दी गई है, एवं संधारित्रों की पट्टियों के बीच, 5 परावैद्युतांक वाला परावैद्युत पदार्थ भरा गया है। अब संयोजन द्वारा कुल संचित ऊर्जा $E _2$ है। अनुपात $E _1 / E _2$ होगा :
$r$ त्रिज्या की प्लेटों को एक-दूसरे से $d$ दूरी पर रखने से निर्मित समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $C$ है। यदि प्लेटों के बीच $r/2$ त्रिज्या, $d$ मोटाई तथा $6$ परावैद्युतांक वाले पदार्थ की प्लेट रख दी जावे, तो संधारित्र की धारिता होगी