एक प्रक्षेप्य को $v$ वेग से ऊध्र्वाधर से $\theta $ कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है, जिसकी पृथ्वी पर परास (Range) $‘R’$ है। समान वेग $v$ व कोण $\theta $ के लिए चन्द्रमा पर इसकी परास होगी
किसी प्रक्षेप्य के प्रक्षेप-पथ को, भू पृष्ठ पर $y =2 x -9 x ^{2}$ से निरूपित किया जाता है। यदि, इसे $v_{0}$ चाल द्वारा $\theta_{0}$ कोण पर प्रमोचित किया गया होता तो?
$\left( g =10 ms ^{-2}\right) \text { : }$
$x - y$ तल ( $x$ क्षैतिज है एवं $y$ ऊपर की ओर उर्ध्व है) में मूल बिंदु से एक प्रक्षेप को $x$-अक्ष से $\alpha$ कोण बनाते हुए प्रक्षेपित किया जाता है। यदि मूल बिंदु से प्रक्षेपक की दूरी, $r=\sqrt{x^2+y^2}$, को $x$ के सापेक्ष अवलेखन किया जाए, तो $\alpha_1$ एवं $\alpha_2$ प्रक्षेपण कोणों के लिए $r ( x )$ दो अलग-अलग वक्र देता है (सलग्न चित्र देखिए) $\mid \alpha_1$ कोण के लिए $r ( x ), x$ के साथ क्रमशः बढ़ता रहता है। जबकि $\alpha_2$ कोण के लिए $r ( x )$ पहले बढ़ते हुए उच्चतम बिंदु पर पहुँचता है, फिर कम होने लगता है और एक न्यूनतम बिंदु पर पहुँचने के उपरान्त फिर से बढ़ने लगता है। इन दोनों व्यवहारों के बीच संक्रमण (switch) एक खास कोण $\alpha_{ c }\left(\alpha_1 < \alpha_{ c } < \alpha_2\right)$ पर होता है $\mid \alpha_{ c }$ का मान क्या है ? [वायु कर्षण को नगण्य मान लीजिए $\mid y(x)=x \tan \alpha-\frac{1}{2} \frac{\sec ^2 a}{v_0^2} x^2$, जहाँ $v_0$ प्रक्षेप की प्रारंभिक चाल है तथा $g$ गुरुत्वीय त्वरण है
रेलगाड़ी की खिड़की से एक पत्थर छोड़ा जाता है। यदि रेलगाड़ी क्षैतिज सीधी पटरियों पर जा रही है, तो पत्थर का पथ जमीन पर टकराते समय होगा
दो पिण्डों को $40 \mathrm{~ms}^{-1}$ की समान चाल से क्षेतिज से अलग-अलग कोणों पर धरातल से प्रक्षेपित किया जाता है। दोनों पिण्डों द्वारा तय की गई परास समान है। यदि एक पिण्ड क्षैतिज से $60^{\circ}$ के कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है, तो दोनों प्रक्षेप्यों द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाईयों का योग ________________ m है। (दिया है $\mathrm{g}=10 \mathrm{~ms}^{-2}$ )