दो बिन्दु आवेशों $100\,\mu \,C$ और $5\,\mu \,C$ को क्रमश: $A$ और $B$ बिन्दुओं पर रखा गया है, जहाँ $AB = 40\,$ सेमी है। बाह्य बल द्वारा आवेश $5\,\mu \,C$ को $B$ से $C$ तक विस्थापित करने में किया गया कार्य होगा (जहाँ $BC = 30\,$ सेमी, कोण $ABC = \frac{\pi }{2}$ तथा $\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}} = 9 \times {10^9}$ न्यूटन-मी$^2$/कूलॉम$^{2}$)......$J$

  • A

    $9$

  • B

    $\frac{{81}}{{20}}$

  • C

    $\frac{9}{{25}}$

  • D

    $-2.25$

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एक हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन लगभग $0.53\, \AA$ दूरी पर परिबद्ध हैं :

$(a)$ निकाय की स्थितिज ऊर्जा का $eV$ में परिकलन कीजिए, जबकि प्रोटॉन से इलेक्ट्रान के मध्य की अनंत दूरी पर स्थितिज ऊर्जा को शून्य माना गया है।

$(b)$ इलेक्ट्रॉन को स्वतंत्र करने में कितना न्यूनतम कार्य करना पड़ेगा, यदि यह दिया गया है कि इसकी कक्षा में गतिज ऊर्जा $(a)$ में प्राप्त स्थितिज ऊर्जा के परिमाण की आधी है?

$(c)$ यदि स्थितिज ऊर्जा को $1.06\, \AA$ पृथक्करण पर शून्य ले लिया जाए तो, उपर्युक्त $(a)$ और $(b)$ के उत्तर क्या होंगे?

एक प्रोटॉन $50,000\, V$ से त्वरित किया गया है, इसकी ऊर्जा में वृद्धि है

एक कण जिसका द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ है किसी एकसमान विधुत क्षेत्र $E$ में स्थिर है फिर इसे मुक्त कर दिया जाये तो $y$ दूरी चलने के पश्चात इसके द्वारा प्राप्त गतिज ऊर्जा होगी:

  • [AIPMT 1998]

एक मूल कण जिसका द्रव्यमान $m$ व आवेश $ + \,e$ है को $v$ वेग से एक बहुत भारी कण जिस पर आवेश $Ze$ (जहाँ $Z > 0$) है, की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। आपतित कण की निकटतम पहुँच दूरी होगी

दो आवेश ${q_1}$ तथा ${q_2}$, $30\,\,cm$ दूरी पर चित्रानुसार स्थित हैं। एक तीसरे आवेश ${q_3}$ को $40\,cm$ त्रिज्या के वृत्त के चाप के अनुदिश $C$ से $D$ तक चलाया जाता है। निकाय की स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन $\frac{{{q_3}}}{{4\pi {\varepsilon _0}}}k$ है, यहाँ $k$ का मान है

  • [AIPMT 2005]