दो धन-आयनों के बीच की दूरी $d$ है और प्रत्येक पर $q$ आवेश है। यदि इन दो आयनो के बीच का प्रत्याकर्षण बल $F$ हो तो, प्रत्येक आयन में से कितने इलेक्ट्रॉन लुप्त (अविद्यमान) हैं। $(e$ -एक इलेक्ट्रॉन का आवेश है )
$\frac{{4\pi {\varepsilon _0}F{d^2}}}{{{e^2}}}$
$\sqrt {\;\frac{{4\pi {\varepsilon _0}F{e^2}}}{{{d^2}}}} $
$\sqrt {\;\frac{{4\pi {\varepsilon _0}F{d^2}}}{{{e^2}}}} $
$\;\frac{{4\pi {\varepsilon _0}F{d^2}}}{{{q^2}}}$
एक $V$ वोल्ट तक आवेशित समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों $A$ तथा $B$ के बीच दो प्रोटॉन चित्रानुसार स्थित है। प्रोटॉनों पर बल ${F_A}$ तथा ${F_B}$ है, तो
दो ताँबे की गेंदें, प्रत्येक का भार $10\, gm$ है। एक दूसरे से वायु में $10\,cm$ दूर रखी हैं। यदि प्रत्येक ${10^6}$ परमाणुओं से एक इलेक्ट्रॉन एक गेंद से दूसरी गेंद की ओर स्थानान्तरित होता है। इनके मध्य कूलॉम बल है। (ताँबे का परमाणु भार $63.5$ है)
$-q$ आवेश तथा $m$ द्रव्यमान का एक कण $+\lambda$. रेखीय आवेश घनत्व के एक अनंत लम्बे रेखीय आवेश के परितः $r$ त्रिज्या के एक वृत्त में गति करता है। तब इसका आवर्त काल होगा
( $k$ को कूलॉम नियतांक मानकर)
$CsCl$ के अन्त: केन्द्रित संरचना के केन्द्र पर स्थित $Cl^{-}$ आयन पर कुल बल है
दो बिन्दु आवेश $ + \,9e$ तथा $ + \,e$ एक दूसरे से $16$ सेमी. दूर स्थित हैं। अन्य आवेश $q$ को इनके बीच कहाँ रखा जाये कि निकाय सन्तुलन अवस्था में हो