दो धनात्मक बिन्दु आवेश $12\,\mu C$ व $8\,\mu C$ एक दूसरे से $10$ सेमी. दूरी पर रखे हैं। इन्हें $4$ सेमी. तक पास लाने में किया गया कार्य होगा
$5.8\, J$
$5.8 \,eV$
$13 \,J$
$13 \,eV$
एक हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन लगभग $0.53\, \AA$ दूरी पर परिबद्ध हैं :
$(a)$ निकाय की स्थितिज ऊर्जा का $eV$ में परिकलन कीजिए, जबकि प्रोटॉन से इलेक्ट्रान के मध्य की अनंत दूरी पर स्थितिज ऊर्जा को शून्य माना गया है।
$(b)$ इलेक्ट्रॉन को स्वतंत्र करने में कितना न्यूनतम कार्य करना पड़ेगा, यदि यह दिया गया है कि इसकी कक्षा में गतिज ऊर्जा $(a)$ में प्राप्त स्थितिज ऊर्जा के परिमाण की आधी है?
$(c)$ यदि स्थितिज ऊर्जा को $1.06\, \AA$ पृथक्करण पर शून्य ले लिया जाए तो, उपर्युक्त $(a)$ और $(b)$ के उत्तर क्या होंगे?
चार सर्वसम आवेश प्रत्येक का मान $ + \,50\,\mu C$ है, $2\,m$ भुजा वाले वर्ग के चारों कोनों पर एक-एक आवेश रखा जाता है। $ + \,50\,\mu C$ के एक अन्य आवेश को अनन्त से वर्ग के केन्द्र तक लाने के लिये आवश्यक बाह्य ऊर्जा.....$J$ होगी
(दिया गया है $\frac{{\rm{1}}}{{{\rm{4}}\pi {\varepsilon _{\rm{0}}}}} = 9 \times {10^9}\,\frac{{N{m^2}}}{{{C^2}}}$)
$R$ त्रिज्या के एक गोलीय कवच के पृष्ठ पर कुल आवेश $+Q$ एकसमान रूप से फैला हुआ है। गोलीय कवच का केंद्र मूल बिन्दु $( x =0)$ पर स्थित है। बहुत दूरी पर स्थित दो बिन्दु आवेशों $+q$ तथा $-q$ को लाकर एक के बाद एक $x=-a / 2$ तथा $x=+a / 2( < R)$ Work done = ......
निम्न चित्र में दिखाये अनुसार एक बिन्दु आवेश $6$ एक समान आवेशों से सममित रूप से घिरा है। स्थिर वैद्युत बलों के द्वारा आवेश $q$ को केन्द्र से अनन्त तक चलाने में कार्य होगा
एक मूल कण जिसका द्रव्यमान $m$ व आवेश $ + \,e$ है को $v$ वेग से एक बहुत भारी कण जिस पर आवेश $Ze$ (जहाँ $Z > 0$) है, की ओर प्रक्षेपित किया जाता है। आपतित कण की निकटतम पहुँच दूरी होगी