यदि $q$ धनात्मक है तथा इसे कम विभव वाले स्थान से अधिक विभव वाले स्थान की ओर गति करवाते हैं, तो इसकी स्थितिज ऊर्जा
घट जाती है
बढ़ जाती है
अपरिवर्तित रहती है
शून्य हो जाती है
धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश निर्देशित $30 \mathrm{NC}^{-1}$ मान के किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में $2 \times 10^{-2} \mathrm{C}$ का एक बिन्दु आवेश बिन्दु $\mathrm{P}$ से $\mathrm{S}$ पर जाता है। यदि $\mathrm{P}$ एवं $\mathrm{S}$ के निर्देशांक क्रमशः $(1,2,0) \mathrm{m}$ एवं $(0,0,0) \mathrm{m}$ हैं, तो $.........\,mJ$ प्रक्रम मे विद्युत क्षेत्र द्वारा किए गए कार्य का मान होगा।
धन आवेश को समविभव सतह पर चलाने में किया गया कार्य है
चित्रानुसार $l$ भुजा के समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर तीन आवेश $Q,( + q)$ तथा $( + q)$ रखे गये हैं। यदि निकाय की कुल स्थिर विद्युतीय ऊर्जा शून्य हो तो $Q$ का मान है
निम्न चित्र में एक इलेक्ट्रॉन को $A$ से $B$ के अनुदिश चलाने में विद्युत क्षेत्र के द्वारा किया गया कार्य $6.4 \times {10^{ - 19}}J$ है। यदि ${\phi _1}\;$ एवं ${\phi _2}$ समविभवी सतह हैं, तब विभवान्तर $({V_C} - {V_A})$ ......$V$ होगा
दो समान बिन्दु आवेश $x-$अक्ष पर $x = - a$ तथा $x = + a$ पर स्थिर है। अन्य बिन्दु आवेश $Q$ को मूल बिन्दु पर रखा गया है। जब इसे $x$-अक्ष के अनुदिश अल्प दूरी $x$ तक विस्थापित किया जाता है, तो $Q$ की विद्युत स्थतिज ऊर्जा में परिवर्तन अनुक्रमानुपाती होगा, लगभग