दो समान गोले जिन पर $ + \,q$ और $ - \,q$ आवेश हैं कुछ दूरी पर रखे हैं। उनके बीच $F$ बल कार्य करता है। अगर दोनों गोलों के बीचोंबीच एकसमान $ + \,q$ आवेश का गोला रखा जाए तो उस पर कार्य करने वाले बल का मान व दिशा होगी
शून्य, कोई दिशा नही
$8F$, $ + \,q$ आवेश की तरफ
$8F$, $ - \,q$ आवेश की तरफ
$4F$, $ + \, q$ आवेश की तरफ
शुद्ध जल का परावैद्युतांक $81$ है, तो इसकी वैद्युतशीलता होगी
दो समान धनात्मक बिन्दु आवेश एक दूसरे से $2 a$ दूरी पर स्थित हैं। निरक्ष रेखा पर (लम्ब समद्विभाजक) दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा के केन्द्र से एक बिन्दु की दूरी $\frac{a}{\sqrt{x}}$ है जहाँ पर स्थित परिक्षण आवेश $q_0$ अधिकतम बल का अनुभव करता है। $x$ का मान___________ है।
एक समबाहु त्रिभुज, जिसका केन्द्र मूल बिन्दु (origin) है. के तीनो शीर्षो पर तीन $+ q$ समान आवेश रखे गए है। उन्हें एक प्रत्यानयन बल (restoring force) $f(r)=$ $kr$. जिसकी दिशा मूल बिन्दु की तरफ है और $k$ एक नियतांक है, के द्वारा साम्यावस्था (equilibrium) में रखा गया है। मूल बिन्दु से इन तीनों आवेशों की दूरी क्या होगी?
जब इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन के बीच $1.6 \,\dot{A}$ की दूरी है, तो उन दोनों के बीच अन्योन्य आकर्षण के कारण इलेक्ट्रॉन का त्वरण होता है,
$\left(m_{e} \simeq 9 \times 10^{-31}\, kg , \quad e=1.6 \times 10^{-19}\, C \right)$
(लीजिए $\left.\frac{1}{4 \pi \epsilon_{0}}=9 \times 10^{9}\, N\,m ^{2}\, C ^{-2}\right)$
तीन आवेशों $q_{1}, q_{2}, q_{3}$ पर विचार कीजिए जिनमें प्रत्येक $q$ के बराबर है तथा $l$ भुजा वाले समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर स्थित है। त्रिभुज के केंद्रक पर चित्र में दर्शाए अनुसार स्थित आवेश $Q$ (जो $q$ का सजातीय ) पर कितना परिणामी बल लग रहा है?