$0.5$ मी. तथा $2.0$ मी. लम्बाई के दो सरल लोलकों को एक ही दिशा में एक साथ अल्प रेखीय विस्थापन दिया जाता है। वे पुन: समान कला में तब होंगे जब छोटा लोलक दोलन पूरे कर लेगा
$5$
$1$
$2$
$3$
सरल लोलक का आवर्तकाल दुगना हो जायेगा जबकि
किसी रूकी हुई लिफ्ट के भीतर किसी, सरल लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि लिफ्ट $g / 2$ त्वरण से उपरिमुखी गति करती है, तो सरल लोलक का आवर्तकाल होगा।
धरातल से $h =2 R$ की ऊँचाई पर सेकेन्ड लोलक की लम्बाई होगी:(दिया है, $R =$ पृथ्वी की त्रिज्या, एवं धरातल पर गुरूत्व त्वरण का मान $g =\pi^2 ms ^{-2}$ )
यदि सरल लोलक की लम्बाई $300\% $ बढ़ा दी जाए तो आवर्तकाल ..... $\%$ बढ़ जायेगा
एक सरल लोलक ऐसे गोलक का बना है जो पारे से भरा हुआ एक खोखला गोला है और तार से लटकाया गया है। यदि थोड़ा-सा पारा गोले के बाहर निकाल दिया जाये, तो लोलक का आवर्तकाल