$CsCl$ के अन्त: केन्द्रित संरचना के केन्द्र पर स्थित $Cl^{-}$ आयन पर कुल बल है
शून्य
$k{e^2}/{a^2}$
$k{e^2}{a^2}$
आँकड़े अपर्याप्त हैं
एक धातु के ठोस पृथक्कीकृत गोलाकार पर $ + Q$ आवेश दिया गया है। गोलाकार पर आवेश का वितरण
तीन आवेश $ - {q_1}, + {q_2}$ तथा $ - {q_3}$ चित्रानुसार रखे हैं। $ - {q_1}$ पर बल का $x-$घटक अनुक्रमानुपाती है
$5\,\mu C , 0.16\,\mu C$ और $0.3\,\mu C$ परिमाण के तीन बिन्दु आवेश, एक समकोण त्रिभुज के कोनों $A , B$ और $C$ पर क्रमश: रखें है, जिसकी भुजाऐं $AB =3\,cm$, $BC =3 \sqrt{2}\,cm$ और $CA =3\,cm$ है, एवं $A$ बिन्दु उसके समकोण वाले कोने पर है। बिन्दु $A$ पर रखा आवेश, बाकी दो आवेशों के कारण $.......N$ के स्थिर वैद्युत बल का अनुभव
$x-$ अक्ष के बिन्दुओं $x =- a$ तथा $x = a$ में प्रत्येक पर समान आवेश $q$ रखा हैं, तथा इसके केन्द्र पर $m$ द्रव्यमान तथा $q _{0}=\frac{ q }{2}$ आवेश का एक कण रखा हैं। यदि आवेश $q_0$ को $y-$ अक्ष के अनुदिश अल्प दूरी $( y << a )$ विस्थापित किया जाए, तो कण पर लगने वाला परिणामी बल समानुपाती होगा,
दो एकसमान आवेशित गोलों को बराबर लम्बाई की डोरियों से लटकाया गया है। डोरियाँ एक-दूसरे से $30^{\circ}$ का कोण बनाती है। जब $0.8\, gcm ^{-3}$, घनत्व के द्रव में लटकाया जाता हैं, तो कोण वही रहता है। यदि गोले के पदार्थ का घनत्व $1.6\, gcm ^{-3}$ है, तब द्रव का परावैघुतांक है