विषुवत रेखा पर स्थित किसी वस्तु के भारहीन प्रतीत होने के लिये पृथ्वी की कोणीय चाल क्या होनी चाहिये
$(g = 10\,m/{s^2},\,\,R = 6400\,km)$
$\frac{1}{{800}}\,rad/s$
$\frac{1}{{400}}\,rad/s$
$\frac{1}{{600}}\,rad/s$
$\frac{1}{{100}}\,rad/s$
केपलर के नियमानुसार उपग्रह का आवर्तकाल इसकी त्रिज्या के साथ निम्न प्रकार से परिवर्तित होगा
पृथ्वी के पृष्ठ पर किसी पिण्ड का भार $72 \,N$ है। पृथ्वी की त्रिज्या की आधी दूरी के बराबर ऊँचाई पर इस पिण्ड पर गुरूत्वाकर्षण बल $.......\,N$ होगा ?
एक $m$ द्रव्यमान को वस्तु का पृथ्वी तल से पृथ्वी की त्रिज्या $\left(\mathrm{R}_{\mathrm{e}}\right)$ के दोगुने के बराबर ऊँचाई $\mathrm{h}$ तक ले जाया गया है, स्थितिज ऊर्जा में हुई वृद्धि होगी ( $\mathrm{g}=$ पृथ्वीतल पर गुरूत्वीय त्वरण)
दूर अन्तरिक्ष में ${M_0}$ द्रव्यमान तथा ${D_0}$ व्यास का एक गोलीय ग्रह है। m द्रव्यमान का एक कण इस ग्रह के पास स्वतंत्र रूप से गिरता है, तो कण में गुरुत्व के कारण त्वरण होगा
दो ग्रह सूर्य का चक्कर लगा रहे हैं। परिक्रमण काल एवं माध्य कक्षीय त्रिज्यायें क्रमश: ${T_1},\,{T_2}$ तथा ${r_1},\,{r_2}$ हैं। अनुपात${T_1}/{T_2}$ का मान है