यदि फोटो सेल में निर्वात् के स्थान पर कोई अक्रिय गैस भर दी जाती है, तो
प्रकाश विद्युत धारा का मान घट जाता है
प्रकाश विद्युत धारा का मान बढ़ जाता है
प्रकाश विद्युत धारा वही रहती है
प्रकाश विद्युत धारा का घटना या बढ़ना फोटो सेल में भरी गैस पर निर्भर नहीं करता है
एक रेडियो स्टेशन $300$ मीटर तरंगदैध्र्य वाली तरंगों को प्रसारित कर रहा है। यदि ट्रांसमीटर की विकीर्णन क्षमता $10 kW$ है, तो प्रति सैकण्ड विकरित होने वाले फोटॉन की संख्या है
एक क्वान्टा की आवृत्ति ${10^{15}}Hz$ है एवं $h = 6.6 \times {10^{ - 34}}J{\rm{ - }}\sec $ जूल सैकण्ड है, तो ऊर्जा होगी
तीव्रता $6.4 \times 10^{-5} \,W / cm ^{2}$ वाले विधुत-चुम्बकीय विकिरण के एक किरणपुंज में तरंगदैर्ध्य $\lambda=310 \,nm$ हैं। यह किरण पुंज एक धातु (कार्य फलन $\varphi=2\, eV$ ) की सतह पर लम्बवत् $1 \,cm ^{2}$ क्षेत्रफल पर पड रहा है। यदि सतह पर पडने वाले $10^{3}$ फोटॉनों में से केवल एक फोटॉन एक इलैक्ट्रॉन को निष्कासित करता हो और $1 \,s$ में निष्कासित इलेक्ट्रॉनों की संख्या $10^{x}$ हो, तो $x$ का मान है।
$\left( hc =1240 \, eVnm , 1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right)$
फोटॉन का विराम द्रव्यमान होता है
$6eV$ ऊर्जा के फोटॉन, $4eV$ कार्यफलन के धात्विक पृष्ठ पर आपतित होते हैं। उत्सर्जित फोटो-इलेक्ट्रॉनों की न्यूनतम गतिज ऊर्जा ............. $eV$ होगी