जब वाष्प द्रव में संधनित होती है, तब
यह ऊष्मा अवशोषित करती है
यह ऊष्मा मुक्त करती है
इसका ताप बढ़ता है
इसका ताप घटता है
मरकरी का वास्तविक रेखीय प्रसार गुणांक $ 0.18 \times 10^{-3}{°C^{-1}}$ है। यदि $0°C$ पर मरकरी का घनत्व $13.6\, gm/cc$ है, तब $473\;K$ पर घनत्व होगा
दो छड़े एक ${l_1}$ लम्बाई की एल्युमीनियम छड़ एवं दूसरी ${l_2}$ लम्बाई की स्टील छड़, एक साथ जोड़ी गई है, संयुक्त छड़ की लम्बाई ${l_1} + {l_2}$ है। एल्युमीनियम एवं स्टील के रेखीय प्रसार गुणांक क्रमश: ${\alpha _a}$ एवं ${\alpha _s}$ है। जब संयुक्त छड़ का ताप ${t^o}C$ से बढ़ाया जाता है तेा प्रत्येक छड़ की लम्बाई वृद्धि समान है तब अनुपात $\frac{{{l_1}}}{{({l_1} + {l_2})}}$ है
जब एक द्रव को ताम्र-पात्र में भरकर गर्म किया जाता है, तब इसका आभासी प्रसार गुणांक $C$ है एवं जब इसे रजत-पात्र में गर्म किया जाता है तब इसका आभासी प्रसार गुणांक $S$ है। यदि ताम्र का रेखीय प्रसार गुणांक $A$ हो तब रजत का रेखीय प्रसार गुणांक है
दाब बढ़ाने पर द्रव का गलनांक घटता हैं यदि द्रव
किसी $1\, m$ लंबे स्टील के फीते का यथार्थ अंशांकन $27.0^{\circ} C$ पर किया गया है। किसी तप्त दिन जब ताप $45^{\circ} C$ था तब इस फीते से किसी स्टील की छड़ की लंबाई $63.0\, cm$ मापी गई। उस दिन स्टील की छड़ की वास्तविक लंबाई क्या थी ? जिस दिन ताप $27.0^{\circ} C$ होगा उस दिन इसी छड़ की लंबाई क्या होगी ? स्टील का रेखीय प्रसार गुणांक $=1.20 \times 10^{-5}\; K ^{-1}$