ताप के बढ़ने पर परावैद्युतांक स्थिरांक $K$ का मान

  • A

    बढ़ता है

  • B

    घटता है

  • C

    अपरिवर्तित रहता है

  • D

    अनियमित रूप से बदलता है

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वायु माध्यम के समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $100\, \mu F$ है तथा प्लेटों के मध्य की दूरी $d$ है। एक $t$ मोटाई की शीट $t(t \le d)$ जिसका परावैद्युतांक $5$ है, को प्लेटों के मध्य रखा जाता है, तो धारिता .......$\mu F$ हो सकती है

$r$ त्रिज्या की प्लेटों को एक-दूसरे से $d$ दूरी पर रखने से निर्मित समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $C$ है। यदि प्लेटों के बीच $r/2$ त्रिज्या, $d$ मोटाई तथा $6$ परावैद्युतांक वाले पदार्थ की प्लेट रख दी जावे, तो संधारित्र की धारिता होगी

एक $C$ धारिता वाले समान्तर प्लेट संधारित्र के प्लेटों के बीच की दूरी $d$ है और प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल $A$ है। प्लेटों के बीच, पूरे स्थान को प्लेटों के समान्तर, $\delta=\frac{ d }{ N }$ मोटाई वाली $N$ पराविधुत  परतों से भर देते है। $m ^{\text {h }}$ परत का पराविधुतांक $K _{ m }= K \left(1+\frac{ m }{ N }\right)$ है। बहुत अधिक $N \left(>10^3\right)$ के लिए धारिता $C =\alpha\left(\frac{ K \varepsilon_0 A }{ d \;ln 2}\right)$ है। $\alpha$ का मान. . . . .होगा। [मुक्त आकाश (free space) की विधुतशीलता $\epsilon_0$ है]

  • [IIT 2019]

किसी वायु संधारित्र की धारिता $15\,\mu F$ है तथा समान्तर पट्टिकाओं के बीच की दूरी $6\,mm$ है। $3\,mm$ मोटाई की एक ताँबे की पट्टिका, सममितत: पट्टिकाओं के बीच डाली जाती है। धारिता अब ......$\mu F$ हो जाती है

एक समान्तर पट्ट संधारित्र की धारिता $5\, \mu F$ है, जब संधारित्र के बीच की एक काँच पट्टिका रखी जाती है, तो विभवान्तर आरम्भिक मान का $1/8$ गुना होता है। काँच के परावैद्युत स्थिरांक का मान है