एक अविपरवलय बिंदु $P(\sqrt{2}, \sqrt{3})$ से होकर जाता है, तथा उसकी नाभियाँ $(\pm 2,0)$ पर है, तो अतिपरवलय के बिंदु $P$ पर खींची गई स्पर्शरिखा जिस बिंदु से होकर जाती है, वह है:
$\left( { - \sqrt 2 , - \sqrt 3 } \right)$
$\left( {3\sqrt 2 ,2\sqrt 3 } \right)$
$\left( {2\sqrt 2 ,3\sqrt 3 } \right)$
$\left( {3,\sqrt 2 } \right)$
माना $\mathrm{A}, \mathrm{x}$-अक्ष पर एक बिन्दु है। $\mathrm{A}$ से वक्रों $x^2+y^2=8$ व $y^2=16 x$ पर उभयनिष्ठ स्पर्श रेखाएं खींची जाती हैं। यदि इनमें से एक स्पर्श रेखा दोनों वक्रों को $\mathrm{Q}$ तथा $\mathrm{R}$ पर स्पर्श करती है, तब $(\mathrm{QR})^2$ बराबर है :
बिन्दुओं $(3, 0)$ तथा $(3\sqrt 2 ,\;2)$ से गुजरने वाले अतिपरवलय की उत्केन्द्रता होगी
अतिपरवलय $3{x^2} - 2{y^2} + 4x - 6y = 0$ की जीवाओं जो कि $y = 2x$ के समान्तर हैं, के मध्य बिन्दुओं का बिन्दुपथ है
वक्र $xy = {c^2}$ प्रदर्शित करता है
माना $\mathrm{H}_{\mathrm{n}}=\frac{\mathrm{x}^2}{1+\mathrm{n}}-\frac{\mathrm{y}^2}{3+\mathrm{n}}=1, \mathrm{n} \in \mathrm{N}$ हैं। माना $\mathrm{k}$, $\mathrm{n}$ का वह न्यूनतम सम मान है जिसके लिए $\mathrm{H}_{\mathrm{k}}$ की उत्केन्द्रता एक परिमेय संख्या है। यदि $\mathrm{H}_k$ की नाभिलंब जीवा की लंबाई $l$ है, तो $21 l$ बराबर __________है।