एक मीटर लम्बी छड़ी को ऊध्र्वाधर खड़ा करके उसे इस प्रकार गिरने दिया जाता है कि पृथ्वी से जुड़ा सिरा अपने ही स्थान पर स्थिर रहे। छड़ का दूसरा सिरा जब पृथ्वी से टकरायेगा तब उसका वेग ......... $m/s$ होगा ($g=9.8$ मी/सै$^2$)
$3.2$
$5.4 $
$7.6$
$9.2$
$ 10 $ किग्रा द्रव्यमान एवं $ 0.5 $ मीटर त्रिज्या की एक वलय अपने व्यास के परित: $ 20 $ रेडियन/सै के वेग से घूर्णन कर रही है। इसकी गतिज ऊर्जा .......... $J$ है
एक $m$ द्रव्यमान तथा $r$ त्रिज्या की रिंग केन्द्र से गुजरने वाले अक्ष के लम्बवत् घूमती है। इसका कोणीय वेग $\omega$ है। इसकी गतिज ऊर्जा होगी
एक ठोस गोला जो बिना सर्पण के लुढ़कते हुए पहले क्षैतिज सतह पर, तत्पश्चात चित्र में दर्शाए हुए आनत तल पर बिंदु $X$ (जो कि $h$ ऊंचाई पर है) तक जाता है। इसके बाद गोला लुढ़कते हुए लौटता है। गोले की आरंभिक क्षैतिज गति क्या होगी
लुढ़काते हुए खोखले गोलक के लिए, घूर्णन गतिज ऊर्जा एवं कुल गतिज ऊर्जा का अनुपात $\frac{x}{5}$ है। $x$ का मान____________है।
त्रिज्या $R$ का एक समान वलय एक क्षैतिज सतह पर गति $v$ से चलते हुए $h$ ऊँचाई के एक ढाल जो कि $30^{\circ}$ कोण पर झुकी हुई है पर चढ़ता है. पूरी गति के दौरान वलय कहीं भी फिसलता नहीं है. तब $h$ का मान होगा