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एक मीटर लम्बी छड़ी को ऊध्र्वाधर खड़ा करके उसे इस प्रकार गिरने दिया जाता है कि पृथ्वी से जुड़ा सिरा अपने ही स्थान पर स्थिर रहे। छड़ का दूसरा सिरा जब पृथ्वी से टकरायेगा तब उसका वेग ......... $m/s$ होगा ($g=9.8$ मी/सै$^2$)

$3.2$
$5.4 $
$7.6$
$9.2$
Solution

(b)इस प्रक्रिया में छड़ी की स्थितिज ऊर्जा, घूर्णन गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होगी
छड़ी की स्थितिज ऊर्जा $ = mg\left( {\frac{l}{2}} \right) $
क्योंकि छड़ का गुरुत्व केन्द्र मध्य बिन्दु पर स्थित होगा।
घूर्णन गतिज ऊर्जा $ E = \frac{1}{2}I{\omega ^2} $
$ I = $ छड़ी का बिन्दु A के परित: जड़त्व आघूर्ण $ = \frac{{m{l^2}}}{3} $
$ \omega = $ जमीन से टकराते समय छड़ का कोणीय वेग
$ {v_B} = $ जमीन से टकराते समय छड़ी के $B$ सिरे का वेग
ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत के अनुसार,
$ mg\left( {\frac{l}{2}} \right) = \frac{1}{2}I{\omega ^2} $$= \frac{1}{2}\frac{{m{l^2}}}{3}{\left( {\frac{{{v_B}}}{l}} \right)^2} $
हल करने पर, $ {v_B} = \sqrt {3gl} $ $ = \sqrt {3 \times 10 \times 1} $ $ = 5.4\;m/s $