$200 \;W$ का सोडियम स्ट्रीट लैंप तरंगदैर्ध्य $0.6\;\mu m$ के पीले प्रकाश का उत्सर्जन करता है। यह मानते हुए कि यह विद्युत ऊर्जा को प्रकाश में परिवर्तित करने में $50\%$ दक्ष है, प्रति सेकंड उत्सर्जित पीले प्रकाश के फोटॉनों की संख्या है
$62 \times 10^{20}$
$3 \times 10^{20}$
$1.5 \times 10^{20}$
$6 \times 10^{18}$
फोटॉन का वेग समानुपाती है (यहाँ $n$ आवृत्ति है)
एल्युमिनियम का कार्य फलन $4.2eV.$ है। यदि दो फोटॉन, प्रत्येक की ऊर्जा $3.5 eV$है, एल्युमीनियम के एक इलेक्ट्रॉन से टकराते हैं, तो इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन
फोटॉन की ऊर्जा $E = hv$ एवं फोटॉन का संवेग $p = \frac{h}{\lambda }$ है, तो फोटॉन का वेग होगा
यदि फोटॉन का वेग $c$ एवं आवृत्ति $v$ हो तो इसकी तरंगदैध्र्य होगी
दो धातुओं $\mathrm{A}$ एवं $\mathrm{B}$ को $350 \mathrm{~nm}$ तरंगदैर्ध्य वाले विकिरण से प्रदीप्त किया जाता है। धातुओं $\mathrm{A}$ एवं $\mathrm{B}$ का कार्यफलन $4.8\ \mathrm{eV}$ एवं $2.2 \ \mathrm{eV}$ है तो सही विकल्प चुनें :