$60 pF$ धारिता के एक संधारित्र को $20 V$ के स्त्रोत से पूरा आवेशित किया जाता है। तत्तपश्चात् इसे स्त्रोत से हटाकर $60 pF$ के एक दूसरे अनावेशित संधारित्र से पार्श्व संबंधन (parallel connection) में जोड़ा जाता है। जब आवेश पूरी तरह से दोनों संधारित्रों में वितरित हो जाये तो इस प्रक्रिया में स्थिर वैधुत ऊर्जा की क्षति $nJ$ में होती है।
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$12\, pF$ का एक संधारित्र $50\, V$ की बैटरी से जुड़ा है। संधारित्र में कितनी स्थिरवैध्यूत ऊर्जा संचित होगी?
$K _{1}$ गतिज ऊर्जा का एक इलेक्ट्रॉन किसी संधारित्र की समांतर पट्टिकाओं के बीच पट्टिकाओं से $'\alpha'$ कोण बनाते हुए प्रवेश करता है। यह कण पट्टिकाओं से ' $\beta$ ' कोण बनाते हुए $K _{2}$ गतिज ऊर्जा से बाहर निकलता है। तब गतिज ऊर्जा से बाहर निकलता है। तब गतिज ऊर्जाओं के अनुपात $K _{1}: K _{2}$ का मान होगा?
एक संधारित्र को $200$ वोल्ट विभवान्तर द्वारा आवेशित किया जाता है, तथा यह $0.1 \, C$ आवेश रखता है। जब विसर्जित किया गया, उससे ऊर्जा ........$J$ मुक्त होगी
$700\,pF$ धारिता का एक संधारित्र $50\,V$ की बैटरी द्वारा आवेशित किया जाता है। इसमें संचित स्थिर वैद्युत ऊर्जा होगी
$5\,\mu \,F$ धारिता वाले एक संधारित्र को $20\, kV$ के $d.c.$ स्रोत से जोड़ा गया है। संधारित्र को आवेशित करने के लिये आवश्यक ऊर्जा .......$kJ$ है