$10$ $\mu F$ धारिता के एक संधारित्र को $500$ $V$ तक आवेशित कर इसकी प्लेटों को $10$ $W$ प्रतिरोध से जोड़ा गया। प्रतिरोध में उत्पन ऊष्मा ........$J$ होगी
$500$
$250$
$125$
$1.25$
$K _{1}$ गतिज ऊर्जा का एक इलेक्ट्रॉन किसी संधारित्र की समांतर पट्टिकाओं के बीच पट्टिकाओं से $'\alpha'$ कोण बनाते हुए प्रवेश करता है। यह कण पट्टिकाओं से ' $\beta$ ' कोण बनाते हुए $K _{2}$ गतिज ऊर्जा से बाहर निकलता है। तब गतिज ऊर्जा से बाहर निकलता है। तब गतिज ऊर्जाओं के अनुपात $K _{1}: K _{2}$ का मान होगा?
दो छोटे गोलाकार परस्पर $r$ दूरी पर रखे गये हैं। प्रत्येक पर $q$ वैद्युत आवेश है। यदि एक गोलाकार को दूसरे गोलाकार के चारों ओर $r$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घुमाया जाता है तो सम्पन कार्य होगा
$6$ $\mu C$ के आवेश को $9\, V$ की बैटरी के ऋण सिरे से धन सिरे तक ले जाने के लिए आवश्यक कार्य है
किसी $100 \,W$ के बल्ब से उत्सर्जित विकिरणों द्वारा बल्ब से $3 \,m$ दूरी पर उत्पन्न विधुत क्षेत्र तीव्रता $E$ है। इतनी ही दूरी पर $60\, W$ के बल्ब से उत्सर्जित विकिरणों द्वारा उत्पन्न विधुत क्षेत्र तीव्रता होगी $\sqrt{\frac{ x }{5}} E$, यहाँ $x =....$ है।
आरेख में दर्शाए अनुसार $2\, \mu F$ धारिता के किसी संघारित्र का आवेशन किया गया है । जब स्विच $S$ को सिथिति $2$ पर घुमाया जाता है, तो इसमें संचित ऊर्जा का प्रतिशत क्षय होगा :