$10$ $\mu F$ धारिता के एक संधारित्र को $500$ $V$ तक आवेशित कर इसकी प्लेटों को $10$ $W$ प्रतिरोध से जोड़ा गया। प्रतिरोध में उत्पन ऊष्मा ........$J$ होगी
$500$
$250$
$125$
$1.25$
श्रेणी क्रम में जुड़े (संयोजित ) $n_{1}$ संधारित्रों में प्रत्येक की धारिता $C_{1}$ है। इस संयोजन को $4\, V$ विभवान्तर के एक स्त्रोत से आवेशित किया गया है। एक अन्य संयोजन में $n_{2}$ संधारित्रों को, जिनमें प्रत्येक की धारिता $C_{2}$ है, समान्तर (पाश्र्व) क्रम में जोड़कर, $V$ विभवान्तर के एक स्त्रोत से आवेशित किया गया है। यदि इन दोनो संयोजनों में संचित ऊर्जा समान (बराबर) हो तो $C_{1},$ के पदों $C_{2}$ का मान होगा
एक संधारित्र जिसकी धारीता $50\,pF$ है उसे $100\,V$ स्त्रोत से आवेशित किया जाता है। फिर उसे समान अन्य अनावेशित संधारित्र से जोड़ा जाता है। प्रक्रिया में स्थिर वैद्युत ऊर्जा ह्वास $nJ$ में ज्ञात कीजिए।
$C$ धारिता के संधारित्र में संचित ऊर्जा क्या होगी, जबकि उसका विभव $V$ तक बढ़ाया जाये
$4$ $\mu\,F$ धारिता वाले संधारित्र को $400\, V$ से आवेशित करके इसकी प्लेटों को एक प्रतिरोध द्वारा आपस में जोड़ देते हैं। प्रतिरोध में उत्पन्न ऊष्मा ........$J$ होगी
एक $20\,F$ के संधारित्र को $5\,V$ तक आवेशित करके बैटरी से अलग कर दिया जाता हैं। फिर इसे $30\,F$ के एक अनावेशित संधारित्र के समान्तर क्रम में जोड़ते हैं। इस निकाय की .........$J$ ऊर्जा में कमी होगी