एक दण्ड चुम्बक का केन्द्र $O$ और लम्बाई $4 $ सेमी है । बिन्दु $P_1$ निरक्षीय स्थिति में और बिन्दु $P_2$ अक्षीय स्थिति में इस प्रकार है कि $OP_1 = OP_2 = 10$ मीटर । $P_1$ और $P_2$ पर चुम्बकीय तीव्रता $H$ का अनुपात होगा
${H_1}:{H_2} = 16:100$
${H_1}:{H_2} = 1:2$
${H_1}:{H_2} = 2:1$
${H_1}:{H_2} = 100:16$
$1$ सेमी लंबाई के दो छोटे दंड चुम्बक जिनके चुंबकीय आघूर्ण क्रमशः $1.20\, Am ^{2}$ तथा $1.00\, Am ^{2}$ हैं, की एक क्षैतिज टेबल पर एक-दूसरे के समानांतर इस प्रकार रखा जाता है कि उनके उत्तरी ध्रुव दक्षिण दिशा की ओर हो तथा इनके मध्य दूरी $20$ सेमी है, तथा इनकी चुंबकीय विषुवत् रेखा उभयनिष्ठ हैं। इनके केन्द्रो को मिलाने वाली रेखा के मध्यबिन्दु $O$ पर परिणामी क्षैतिज चुंबकीय प्रेरण का मान होगा, (पृथ्वी के चुंबकीय प्रेरण का क्षैतिज घटक $3.6 \times 10^{-5}$ वेबर/मी $^{2}$ हैं।)
दो चुम्बकीय द्विध्रुवों $X$ तथा $Y$ को चित्रानुसार $d$ दूरी पर, उनके अक्षों को परस्पर लम्बवत् करके, रखा है। $Y$ का द्विध्रुव आघूर्ण $X$ का दो गुना है। $q$ आवेश का एक कण इन दोनों के ठीक मध्य बिंदु $P$ से क्षैतिज रेखा से $\theta=45^{\circ}$ के कोण पर, चित्रानुसार, गुजरता है। इस क्षण पर कण पर एक लगे बल का परिमाण क्या होगा ?
(दिया है : $d$ द्विध्रुव के आकार (dimensions) से अत्यधिक बड़ा है)
चुम्बकीय प्रेरण है
एक परिनालिका में पास-पास लपेटे गए $800$ फेरे हैं, तथा इसका अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $2.5 \times 10^{-4} \,m ^{2}$ है और इसमें $3.0 \,A$ धारा प्रवाहित हो रही है। समझाइए कि किस अर्थ में यह परिनालिका एक छड़ चुंबक की तरह व्यवहार करती है? इसके साथ जुड़ा हुआ चुंबकीय आधूर्ण कितना है?
$10^4\,J/T$ जूल प्रति टेसला चुम्बकीय आघूर्ण का एक छड़ चुम्बक क्षैतिज तल में स्वतंत्रतापूर्वक घूम सकता है $4×10^{-5}\, T$ टेसला के क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र में इस छड़ चुम्बक को क्षेत्र की समानान्तर दिशा में $ 60°$ कोण तक घुमाने हेतु किए गए कार्य का मान .....$J$ होगा