निम्न चित्र $(1)$ तथा $(2)$ में बल रेखाओं को प्रदर्शित किया गया है कौनसा कथन सत्य है
चित्र $(1)$ चुम्बकीय बल रेखाओं को प्रदर्शित करता है
चित्र $(2)$ चुम्बकीय बल रेखाओं को प्रदर्शित करता है
चित्र $(1)$ विद्युत बल रेखाओं को प्रदर्शित करता है
चित्र $(1)$ तथा चित्र $(2)$ दोनों चुम्बकीय बल रेखाओं को प्रदर्शित करते हैं
$M, $ चुम्बकीय आघूर्ण के एक छोटे से चुम्बकीय द्विधुव के कारण निरक्षीय रेखा पर केन्द्र से $ r$ दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होता है ($M.K.S. $ पद्धति में)
दो छोटे चुम्बक जिनके अक्ष क्षैतिज और चुम्बकीय याम्योत्तर के लम्बवत् हैं और उनके केन्द्र बिन्दु चुम्बकीय सुई के क्रमश: $40$ सेमी पूर्व तथा $50$ सेमी पश्चिम में हैं । यदि सुई में कोई विक्षेप नहीं है, तो उनके चुम्बकीय आघूर्णों का अनुपात ${M_1}:{M_2}$है
दो एक समान चुम्बकीय ध्रुव, जिनकी ध्रुव प्राबल्य $10$ तथा $40 $ $S.I.$ इकाई हैं, एक दूसरे से $30\,cm$ दूरी पर रखे हैं। दोनों को मिलाने वाली रेखा पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता शून्य होगी
चित्र में $O$ बिंदु पर रखी गई एक छोटी चुंबकीय सुई $P$ दिखाई गई है। तीर इसके चुंबकीय आघूर्ण की दिशा दर्शाता है। अन्य तीर, दूसरी समरूप चुंबकीय सुई $Q$ की विभिन्न स्थितियों (एवं चुंबकीय आघूर्ण के दिकविन्यासों ) को प्रदर्शित करते हैं।
$(a)$ किस विन्यास में यह निकाय संतुलन में नहीं होगा?
$(b)$ किस विन्यास में निकाय $(i)$ स्थायी $(ii)$ अस्थायी संतुलन में होंगे?
$(c)$ दिखाए गए सभी विन्यासों में किसमें न्यूनतम स्थितिज ऊर्जा है?
$\mathrm{L}$ लम्बाई की एक लौह छड़ चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण $\mathrm{M}$ है। यह लम्बाई के मध्य से इस प्रकार मोड़ा गया है कि दोनों भुजाएँ एक दूसरे के साथ $60^{\circ}$ का कोण बनाती है। इस नई चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण है: