चिकनी सतह पर रखे $m$ द्रव्यमान के एक गुटके को स्प्रिंग नियतांक $k$ की एक कमानी (जिसका द्रव्यमान नगण्य हैं) से जोड़ा गया है। कमानी का दूसरा सिरा चित्रानुसार, अचल है। आरंभ में गुटका अपनी साम्यावस्था में स्थायी है। यदि गुटके को एक नियत बल $F$ से खींचा जाए तो गुटके की अधितकम चाल होगी।
$\frac{{2F}}{{\sqrt {mk} }}$
$\frac{F}{{\pi \sqrt {mk} }}$
$\frac{{\pi F}}{{\sqrt {mk} }}$
$\frac{F}{{\sqrt {mk} }}$
एक ऊर्ध्व स्प्रिंग मेज़ से खड़ा जोड़ा हुआ है। इसका बल नियतांक $k$ है। द्रव्यमान $m$ के एक गोले को स्प्रिंग के मुक्त सिरे के ठीक ऊपर से ऊँचाई $h$ से गिराने पर स्प्रिंग दूरी $d$ से पिचक जाता है। इस प्रक्रम में हुआ शुद्ध कार्य होगा
एक स्प्रिंग को जब $2\, mm $ खींचा जाता है, तो इसकी स्थितिज ऊर्जा $4 \,J$ हो जाती है। यदि इसे $10\, mm$ खींचा जाये तो स्थितिज ऊर्जा होगी
दो समान प्रकार कि स्प्रिंग $P$ तथा $Q$ जिनके स्प्रिंग नियतांक $K_P$ तथा $K_Q$ हैं तथा $K_P > K_Q$ . प्रथम बार (स्थित $a$ में) दोनों को समान लम्बाई में तथा दूसरी बार (स्थति $b$ में ) समान बल से खींचा जाता है। यदि इन दोनों स्प्रिंगों द्वारा किये गये कार्य क्रमशः $W_P$ तथा $W_Q$ हों तो स्थिति $(a)$ तथा $(b)$ में इनके बीच संबन्ध क्रमशः होंगे
किसी स्प्रिंग से भार लटकाने पर उत्पन खिंचाव $x$ हो, तो संचित ऊर्जा का मान होगा, (यदि स्प्रिंग का तनाव $T$ एवं स्प्रिंग नियतांक $K$ हो)
जब $1.0 kg$ द्रव्यमान को $50 cm$ लम्बाई की स्प्रिंग से लटकाया जाता है, तो स्प्रिंग $2 cm$ खिंच जाती है। यदि द्रव्यमान को तब तक नीचे खींचा जाये जब तक कि स्प्रिंग $60 cm$ लम्बी न हो जाये तो इस स्थिति में स्प्रिंग में संचित प्रत्यास्थ ऊर्जा ............ $\mathrm{Joule}$ होगी (यदि $g = 10\;m/s)$