एक $l$ लम्बाई के धागे से विलम्बित $'m'$ द्रव्यमान का एक लोलक आवर्तकाल $T$ से सरल आवर्त गति करता है। यदि लोलक को एक द्रव में डुबा दिया जाए, जिसका घनत्व लोलक के घनत्व का $\frac{1}{4}$ गुना है तथा धागे की लम्बाई को प्रारम्भिक लम्बाई की एक तिहाई से बढ़ा दिया जाए, तो सरल आवर्त दोलनों का आर्वतकाल होगा।
${T}$
$\frac{3}{2} {T}$
$\frac{3}{4} {T}$
$\frac{4}{3} {T}$
एक खोखले गोले को उसमें बने हुए एक छिद्र द्वारा पानी से भरा जाता है। तत्पश्चात् उसे एक लम्बे धागे द्वारा लटकाकर दोलायमान किया जाता है। जब तल में स्थित छिद्र से पानी धीरे-धीरे बाहर निकलता है, तो गोले का दोलनकाल
एक $r$ त्रिज्या का गोला, $R$ वक्रता त्रिज्या के अवतल दर्पण पर रखा है। इस व्यवस्था को क्षैतिज टेबिल पर रख दिया जाता है। यदि गोले को मध्यमान स्थिति से थोड़ा विस्थापित कर छोड दिया जाये तो वह सरल आवर्त गति करने लगता है। इसके दोलन का आवर्तकाल होगा (अवतल दर्पण का पृष्ठ घर्षण रहित एवं फिसलने वाला है न कि लुढ़कने वाला)
$a$ कोण पर झुके हुए घर्षण-हीन नत समतल पर नीचे की ओर गतिमान कार की छत से लटके हुए $L$ लम्बाई के सरल लोलक का आवर्तकाल है
$1$ मी लम्बे तथा $2$ सेमी आयाम वाले सरल लोलक का आवर्तकाल $5$ सैकण्ड है। यदि इसका आयाम $4$ सेमी कर दिया जाये तब आवर्तकाल होगा (सैकण्ड में)