एक बालक का गुलेल $42 \,cm$ लम्बी और $6\, mm$ अनुप्रस्थ काट के व्यास की रबड़ की डोरी का बना है,
जिसका द्रव्यमान नगण्य है। बालक $0.02\, kg$ भार का एक पत्थर इस पर रखता है और डोरी को एक नियत बल से $20 cm$ द्वारा तानित करता है। जब इसे छोडता है, तब पत्थर $20\, ms ^{-1}$ के वेग से जाता है। तानित होने पर डोरी के अनुप्रस्थ काट में परिवर्तन नगण्य है। रबड़ का यंग प्रत्यास्थता गुणांक का निकटतम मान है।
$10^3\, Nm^{-2}$
$10^6\, Nm^{-2}$
$10^8\, Nm^{-2}$
$10^4\, Nm^{-2}$
चार समान खोखले बेलनाकार मदु इस्पात स्तम्भ $50 \times 10^{3}$ किलाग्राम के भारी संरचना को संभालते हैं। प्रत्येक स्तम्भ की आन्तरिक तथा बाह्य त्रिज्याएं क्रमशः $50$ सेमी. तथा $100$ सेमी. है। समान स्थानीय वितरण मानते हुए स्तम्भ के सम्पीडन विकति की गणना कीजिए। $\left[ Y =2.0 \times 10^{11} \,Pa , g =9.8\right.$ मी/से.$^2$ का उपयोग करे]
$1.05\, m$ लंबाई तथा नगण्य द्रव्यमान की एक छड़ को बराबर लंबाई के दो तारों, एक इस्पात का (तार $A$ ) तथा दूसरा ऐलुमिनियम का तार (तार $B$) द्वारा सिरों से लटका दिया गया है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। $A$ तथा $B$ के तारों के अनुप्रस्थ परिच्छेद के क्षेत्रफल क्रमशः $1.0\, mm ^{2}$ और $2.0\, mm ^{2}$ हैं। छड़ के किसी बिंदु से एक द्रव्यमान $m$ को लटका दिया जाए ताकि इस्पात तथा ऐलुमिनियम के तारों में $(a)$ समान प्रतिबल तथा $(b)$ समान विकृति उत्पन्न हो।
$0.6$ मिलीमीटर व्यास वाले पीतल के तार की लम्बाई में $0.2\%$ की वृद्धि करने के लिए आवश्यक बल है (पीतल के लिए यंग प्रत्यास्थता गुणांक =$0.9 \times {10^{11}}N/{m^2}$)
अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल $A$ तथा लम्बाई $L$ का कोई तार किसी स्थायी टेक से लटका है। इस तार के मुक्त सिरे से किसी द्रव्यमान $M$ को निलंबित करने पर इसकी लम्बाई $L _{1}$ हो जाती है। यंग-गुणांक के लिए व्यंजक है :
स्टील तथा तांबे के समान लम्बाई के तारों को एक के बाद एक समान भार से खींचा जाता है। स्टील तथा तांबे का यंग प्रत्यास्थता गुणांक क्रमश: $2.0 \times {10^{11}}$तथा $1.2 \times {10^{11}}$न्यूटन/मी$^2$ है। स्टील तथा तांबे की लम्बाइयों में वृद्धि का अनुपात होगा