किसी पीतल के बॉयलर की पेंदी का क्षेत्रफल $0.15\, m ^{2}$ तथा मोटाई $1.0\, cm$ है। किसी गैस स्टोव पर रखने पर इसमें $6.0\, kg / min$ की दर से जल उबलता है। बॉयलर के संपर्क की ज्वाला के भाग का ताप आकलित कीजिए। पीतल की ऊष्मा चालकता $=109 \,J s ^{-1}\, m ^{-1}\, K ^{-1}$;जल की वाष्पन ऊष्मा $=2256 \times 10^{3}\; J kg ^{-1}$ है।
Thickness of the boiler, $l=1.0 cm =0.01 m$
Boiling rate of water, $R=6.0 kg / min$
Mass, $m=6 kg$
Time, $t=1 \min =60 s$
Thermal conductivity of brass, $K=109 Js ^{-1} m ^{-1} K ^{-1}$
Heat of vaporisation, $L=2256 \times 10^{3} J kg ^{-1}$
The amount of heat flowing into water through the brass base of the boiler is given by
$\theta=\frac{K A\left(T_{1}-T_{2}\right) t}{l}\dots (i)$
Where,
$T_{1}=$ Temperature of the flame in contact with the boiler
$T_{2}=$ Boiling point of water $=100^{\circ} C$
Heat required for boiling the water
$\theta=m L \ldots(i i)$
Equating equations $(i)$ and $(i i),$ we get:
$\therefore m L=\frac{K A\left(T_{1}-T_{2}\right) t}{l}$
$T_{1}-T_{2}=\frac{m L l}{K A t}$
$=\frac{6 \times 2256 \times 10^{3} \times 0.01}{109 \times 0.15 \times 60}$
$=137.98^{\circ} C$
Therefore, the temperature of the part of the flame in contact with the boiler is $237.98\,^{\circ} C$
$60\,cm \times 50\,cm \times 20\,cm$ विमाओं वाला एक बर्फ का घनाकार टुकड़ा, $1\,cm$ मोटाई की दीवारों वाले एक कुचालक डिब्बे में रखा है। डिब्बे ने बर्फ को $0^{\circ}\,C$ तापमान पर रखा हुआ है, जिसको कमरे के तापमान $40^{\circ}\,C$ पर लाया जाता है। बर्फ के पिघलने की दर का सन्निकट मान होगा (बर्फ के संगलन की गुप्त ऊष्मा $3.4 \times 10^5\,J\,kg ^{-1}$ है, और कुचालक दीवार की ऊष्माय चालकता $0.05 Wm ^{-1 \circ} C ^{-1}$ ) है
दो समरूपी आयताकार गुटकों को दर्शाये चित्रानुसार दो विन्यासों $I$ और $II$ में व्यवस्थित किया गया है। गुटकों की ऊष्मा चालकता $k$ व $2 k$ है। दोंनो विन्यासों में $x$-अक्ष के दोंनो छोरों पर तापमान का अन्तर समान है। विन्यास $I$ में, ऊष्मा की एक निश्चित मात्रा गरम छोर से ठण्डे छोर तक अभिगमन में $9 s$ लेती है। विन्यास $II$ में, समान मात्रा की ऊष्मा के अभिगमन के लिए समय है :
इंजन हौज के एक प्रयोग में एकसमान परन्तु भिन्न-भिन्न पदार्थो की दो छड़ों पर मोम क्रमश: $10\,cm$ और $25\,cm$ लम्बाई तक पिघलता है। छड़ों के पदार्थो की ऊष्मा चालकताओं का अनुपात है
एक बेलनाकार छड़ के सिरों के ताप ${T_1}$ व ${T_2}$ हैं। ऊष्मा प्रवाह की दर ${Q_1}$ $cal/sec$ है। यदि छड़ की सभी रेखीय विमायें दोगुनी कर दी जाये, एवं ताप को नियत रखा जाये, तब ऊष्मा प्रवाह की दर ${Q_2}$ होगी
पाँच सर्वसम छड़ों को चित्रानुसार जोड़ा गया है, बिन्दु $A$ व $C$ को क्रमश: $120^o C$ एवं $20^o C$ ताप पर रखा गया है। संन्धि $B$ का ताप ....... $^oC$ होगा